
महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक बार फिर हलचल मच गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष रहे एनसीपी के अजित पवार ने पार्टी से बगावत कर ना सिर्फ शिंदे सरकार का दामन थामा बल्कि उपमुख्यमंत्री पद भी हासिल कर लिया है। प्रभासाक्षी की रिपोर्ट के अनुसार अजित पवार के इस कदम से एनसीपी में टूट होने की जानकारी सामने आ गई है। अजित पवार के इस कदम के बाद अब देखना होगा कि एनसीपी के नेता शरद पवार कौन सा कदम उठातें है और पार्टी को टूटने से बचाते है।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार अजित पवार ने रविवार दो जुलाई को अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद मे 17 विधायकों के साथ अजित पवार दोपहर में राजभवन के लिए रवाना हुए जहां उन्होंने शिंदे सरकार को समर्थन दिया और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ग्रहण की। इस दौरान उनके साथ नौ अन्य विधायकों ने भी शपथ ली है, जिसमें धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक जिस समय महाराष्ट्र के राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था, जब वहां एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।

प्रभासाक्षी की रिपोर्ट के अनुसार लंबे समय से अजित पवार पार्टी से खफा चल रहे थे। एनसीपी में उन्हें काम करने के अवसर नहीं मिलने के कारण वो असंतुष्ट थे। पार्टी में उन्होंने बात करने की कोशिश की मगर समाधान ना निकलने पर उन्होंने अपने विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को समर्थन दे दिया है। फिलहाल रविवार को महाराष्ट्र में हुए इस घटनाक्रम पर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।
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