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यूपी में 2 लाख से अधिक कुत्तों की हुई नसबंदी,,,

More than 2 lakh dogs sterilized in UP

कुत्तों द्वारा हाल में हुई घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सजग है यूपी सरकार

Lucknow news today । उत्तर प्रदेश में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने अब तक प्रदेश में दो लाख 16 हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी कराई है। वहीं प्रदेश के 11 अर्बन लोकल बॉडीज में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसीएस) संचालित किए जा रहे हैं। चरणबद्ध तरीके से सभी नगर निगमों व 58 जिला मुख्यालयों में भी एबीसीएस को स्थापित किया जाना है। इसके लिए सरकार ने 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। मालूम हो कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या के कारण खाने व अन्य जरूरी संसाधनों के चलते जानवरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। विगत कुछ दिनों में जानवरों द्वारा इंसानों पर किए गए जानलेवा हमलों के कारण इनकी बढ़ती संख्या को नियंत्रित किए जाने की जरूरत महसूस की गई है। उच्च न्यायालय ने भी एनिमल बर्थ कंट्रोल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एबीसी नियम-2023 भी ऐसे केंद्रों की स्थापना को अनिवार्य बनाता है।

पहले चरण में सभी नगर निगमों में हो रहा एबीसीएस का गठन

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि हाल के दिनों में कुत्तों द्वारा बच्चों व आमजन पर हुए हमले की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार गंभीर है। इसे देखते हुए सरकारी व निजी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसीएस) व डॉग्स केयर सेंटर स्थापित करने को लेकर प्रोत्साहित कर रही है। 11 यूएलबीएस एबीसीएस का संचालन कर रहे हैं। इनमें अयोध्या व लखनऊ के पास अपना एबीसीएस है। पहले चरण में सभी 17 नगर निगमों में एबीसीएस का गठन किया जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में शेष 58 जिला मुख्यालयों में इसकी स्थापना की जाएगी। एबीसी का संचालन एनजीओ के जरिए किया जाएगा, जिन्हें बीडिंग प्रॉसेस के तहत चयनित किया जाएगा।

एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर स्थापित करने के लिए नियम निर्धारित

यूपी में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर स्थापित करने के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। इसके अनुसार यूपीएबीसी के लिए प्रतिदिन 41 कुत्ते व डॉग्स केयर सेंटर के लिए कुल 30 कुत्तों की देखभाल का प्रावधान है। साथ ही डॉग्स पार्क के लिए स्थान का निर्धारण आवश्यक है। यूपीएबीसीएस व डॉग्स केयर सेंटर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पेट्स शॉप के साथ पेट्स सैलून भी प्रस्तावित है। इसके अलावा पंजीकरण काउंटर, दवा कक्ष, सर्जन रूम, ऑपरेशन थियेटर, दिव्यांगों के लिए रैंप जरूरी हैं।

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