होम्योपैथिक चिकित्सा को बढ़ावा देने उद्देश्य से आयोजित किया गया सेमिनार,, प्रख्यात चिकित्सकों ने व्यक्त किए विचार

Seminar organized with the aim of promoting homeopathic medicine, eminent doctors expressed their views

Lucknow news today । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को होम्योपैथिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक सेमिनार का आयोजन किया गया । राजधानी लखनऊ में आयोजित हुए इस सेमिनार में काफी वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक व अन्य डॉक्टर भी मौजूद रहे।

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मिली जानकारी के अनुसार राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र में आरोग्य रिसर्च फाउंडेशन व रिसर्च सोसायटी व होम्योपैथिक के संयुक्त तत्वाधान में सेमिनार का आयोजन किया गया। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉक्टर ओ पी श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुए इस सेमिनार में पहुंचे प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सकों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करके होम्योपैथिक को कैसे बढ़ाया जाए। इस संबंध में रिसर्च सोसायटी के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी सिंह ने बताया कि रिसर्च सोसाइटी ऑफ होम्योपैथिक का गठन वर्ष 1987 में होम्योपैथिक के प्रचार प्रसार के लिए किया गया है था और आज तक देश में लगभग 25 राष्ट्रीय अधिवेशन व दो अंतर राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन इस फाउंडेशन द्वारा किया जा चुका है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के लगभग 35 जिलों में विभिन्न विषयों पर संगोष्ठी भी आयोजित की जा चुकी है । डॉक्टर सीपी सिंह ने बताया कि आगामी 10 और 11 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय होम्योपैथिक अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है इस अधिवेशन में देश के प्रख्यात होम्योपैथिक विशेषज्ञ अपने शोध पत्रों के साथ उपस्थित होंगे। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सकों से उत्तर प्रदेश के सभी कॉलेजों के शिक्षकों एवं छात्रों से अपील भी की है कि अधिवेशन को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में डेलीगेटस बनकर अधिवेशन को सफल बनाने का संकल्प लें।

आज हुए इस कार्यक्रम में डॉक्टर गिरीश गुप्ता ने होम्योपैथी में शोध के विषय में बताया कि शोध क्यों जरूरी है । उन्होंने कहा की शोध के माध्यम से होम्योपैथिक में जो भ्रांतियां हैं वह दूर होती हैं और होम्योपैथिक के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता है। उन्होंने देश में होम्योपैथिक के क्षेत्र में जिन जिन प्रदेशों में होम्योपैथिक के विकास के लिए कार्य हो रहे हैं उनके विषय पर भी प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ता ने कही यह बात

आज आयोजित हुए इस सेमिनार में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ गौरीशंकर ने कहा कि डॉ हैनिमैन द्वारा प्रतिपादित नियम के अंतर्गत एक होम्योपैथिक चिकित्सक को किस प्रकार रोगी की केस टेकिंग करनी चाहिए तथा उसके क्या फायदे हैं इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

यह रहे मौजूद

आज आयोजित हुए इस सेमिनार में राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए इस अवसर पर लखनऊ शहर के जाने-माने चिकित्सक नरेश अरोड़ा राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डीके सोनकर डॉक्टर आरएम कौशल अनुरोध वर्मा डॉक्टर एस पी यादव डॉ रेनू महिंद्रा रिसर्च सोसाइटी ऑफ होम्योपैथिक के उपाध्यक्ष डॉक्टर एमडी सिंह के अलावा नेशनल कॉलेज के पीजी छात्र भी मौजूद रहे। इसके अलावा डॉ पीके मौर्य पूर्व डीएसओ डॉक्टर पी सी श्रीवास्तव समेत अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया।

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