(रिपोर्ट – बबलू सेंगर )

Jalaun news today । उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद में संस्कार भारती एवं भारत विकास परिषद प्रमुख शाखा के संयुक्त तत्वावधान में संध्या पुरवार व डॉ. हरीमोहन पुरवार उरई द्वारा अपने निजी संग्रह से अद्भुत और विलक्षण शंखों, सीपों तथा कौडियों की प्रदर्शनी का आयोजन स्थानीय जालौन बालिका इंटर कॉलेज परिसर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सीएमओ डॉ. एमपी सिंह एवं विशिष्ट अतिथि समाजसेवी मधु सिंहल, प्रधानाचार्या पूजा विश्वकर्मा मौजूद रहे। डॉ. हरीमोहन पुरवार ने बताया कि सन 1928 में बर्लिन विश्वविद्यालय में शंख ध्वनि के ऊपर विशेष अनुसंधान किया गया जिससे यह प्रमाणित हुआ कि शंख ध्वनि द्वारा तमाम रोग फैलाने वाले कीटाणुओं का विनाश होता है। आजकल फेफड़ों की बीमारी में चिकित्सकगण स्पाईरोमीटर का उपयोग करने की सलाह देते हैं। हजारों वर्षों से हमारी सनातन संस्कृति में शंख बजाने की क्रिया चली आ रही है जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों की बीमारी ही नहीं होती है। संध्या पुरवार ने कहा कि धर्मग्रंथों में यह वर्णन मिलता है कि समुद्र मंथन के परिणामस्वरूप शंख व माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था जिससे दोनों सहोदर भाई बहिन हुये। अतः घर में शंख के नियमित विधिवत् पूजन से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस शंख प्रदर्शनी में भगवान श्रीगणेश, श्रीकृष्ण मातारानी तथा श्रीशिवशंकर से सम्बन्धित तमाम शंख प्रदर्शित किये गये। साथ ही साथ डाक टिकटों पर अंकित विशेष शंख, सीप कौडियों का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहा। इनके साथ मुद्राओं पर अंकित शंखों का प्रदर्शन दुर्लभ रहा। इस प्रदर्शनी में एक सौ से अधिक शंख, सीप कौडियों का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल, अरविंद श्रीवास्तव, ऊषा गुप्ता, कंचन अग्रवाल, गरिमा अग्रवाल, निधि अग्रवाल, अनीता माहेश्वरी अभय सिंह राजावत आदि मौजूद रहे।

