
Etawa news today ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( akhilesh yadav ) ने 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सैफई में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर सपा मुखिया श्री यादव ने समस्त देश व प्रदेश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी प्रेषित की।

मीडिया से कही यह बात
इटावा में ध्वजारोहण करने के बाद सपा अध्यक्ष श्री यादव ने मीडिया से बात की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भारत की इतनी आबादी है और जिस तरह से यहां पर लोगों के आगे बढ़ने की इच्छा है सरकार अपना योगदान कम भी दे उसके बावजूद भी यहां की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है । उन्होंने कहा कि दुनिया में जो हमारी समस्या है उनका अगर हम आकलन करें तो लोकतंत्र में जो स्वतंत्रता होती है उसमें हम कहां खड़े हैं? हम प्रेस की आजादी में कहां खड़े हैं? हम करप्शन में कहां खड़े हैं ? यह कहने को तो ठीक है कि हमारे डेमोक्रेटिक पैटर्न है उसमें कम उम्र के लोग ज्यादा हैं जो भारत की आबादी में 40 साल से कम उम्र वाले लोगों की संख्या बहुत है अगर हमारे देश में 40 साल से कम उम्र वालों की संख्या ज्यादा है तो हमारे उनके प्रति जिम्मेदारी भी बढ़ती है की इन नौजवानों के हाथ में नौकरी और रोजगार हो और सरकार कुछ ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे सरकार उनके सपने पूरे कर सके । उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लाल किले पर खड़े होकर अगर किसी सरकार ने यह कहा हो कि हम किसानों की आय दोगुनी कर देंगे तो उनको पीछे मुड़कर देखना चाहिए कि आज हम वही दोबारा खड़े हैं क्या हमारे देश के किसानों की आय दोगुनी हो गई क्या हमारे करोड़ों युवाओं को नौकरी मिल गई और जो संतुलन सरकार को बनाना चाहिए आज जिस तरह से महंगाई है खाने पीने की चीजों से लेकर के डीजल पेट्रोल की यह हमारे देश के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यदि ऐसे ही महंगाई बढ़ती रही और लोगों के हाथ में नौकरी और रोजगार ना हुई तो हमारा देश कहां जा रहा है यह सोचना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार है और खासकर लाल किले से यह बात कही जाती है लेकिन जो निर्णय हो वह मानवता को आगे बढ़ाने का हो हमारे और आपके लिए यह सबसे बड़ी बात है कि हमारे देश की जो सबसे बड़ी पहचान है कि हां मानवतावादी लोग हैं हम लोगों के बीच में भाईचारा लोगों के बीच में एकजुटता लोगों के बीच में गंगा जमुनी तहजीब और हमेशा हमने कहा कि हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी है भाई भाई और जो आजादी की लड़ाई चाहे वह 1857 की रही हो या 15 अगस्त को जो हमें मिली है उसमें सभी ने मिलकर आजादी दिलाई है हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई सब ने मिलकर कुर्बानी दी है तब हमारा देश आजाद हुआ है।




