प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद ,,
राहुल उपाध्याय/राजेश जोशी
मिहिपुरवा, बहराइच। भारत नेपाल सीमा पर क करतर्नियघाट संरक्षित वन्य जीव प्रभाव के गेरुआ ट्रांस गोमती क्षेत्र की तीन नदियों से घिरे भरथापुर गांव के लोग हर साल मुसीबतों से जूझते हैं।कुछ ऐसा ही बुधवार की शाम को हुआ। एक नाव पर करीब 20 लोग सवार होकर लखीमपुर जिले के साप्ताहिक बाजार खैरटिया गए थे। वापस लौटते समय कौड़ियाला नदी में नाव पेड़ से टकरा कर पलट गई। पानी के तेज बहाव के कारण नाव डूबने से उस पर सवार 22 लोग हादसे का शिकार हो गए। जिनमे कई लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। जबकि एक महिला की मौत हो गई। मामला सुजौली थाना क्षेत्र का है।

कतर्नियाघाट वन्य जीव रेंज का गांव है भरथापुर। यहां के ग्रामीण लखीमपुर के खैरटिया गांव से कौड़ियाला नदी के रास्ते नाव से आते-जाते हैं। बुधवार शाम 6 बजे खैरटिया गांव से भरथापुर लौट रही एक नाव गांव के करीब पहुंचते ही नदी में पलट गई। नाव में 20 से ज्यादा लोग सवार थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने अधिकारियों और एसडीआरएफ की टीमों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। हादसे में सुरक्षित बचाए गए लोगों में गांव निवासी लक्ष्मी नारायण (पुत्र विसेसर), रानी देवी (पत्नी रामाधार), ज्योति (पुत्री आनंद कुमार) और हरिमोहन (पुत्र रामकिशोर) शामिल हैं। लापता लोगों में नाव चालक मिहीलाल (पुत्र पुत्तीलाल) सहित 20 से अधिक लोग लापता हैं। बताया जा रहा है कि लापता लोगों में कुछ मेहमान भी थे।
ग्रामीणों के अनुसार, यह हादसा नदी में तेज बहाव के कारण हुआ है। हाल ही में चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज के गेट खोले गए थे, जिन्हें अब बंद कराया जा रहा है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची है। थानाध्यक्ष प्रकाश चंद्र शर्मा और तहसील की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है।
उच्चाधिकारियों के नेतृत्व में ग्राम भरथापुर में संचालित है रेस्क्यू आपरेशन
मिहिपुरवा, बहराइच। जनपद के तहसील मिहींपुरवा के ग्राम भरथापुर में बुधवार को देर शाम हुई नाव दुर्घटना में लापता हुए लोगों की तलाश में उच्चाधिकारियों के नेतृत्व में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एस0केएसबी, पीएसी, जिला प्रशासन की आपदा राहत टीम तथा स्थानीय गोताखोरों एवं नागरिकों के सहयोग से रेस्क्यू आपरेशन संचालित किया जा रहा है। मण्डलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील, आई0जी0 अमित पाठक, जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक रामनयन सिंह व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा मौके पर कैम्प कर रेस्क्यू कार्य के संचालन उनके नेतृत्व में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मौके पर मौजूद उच्चाधिकारियों ने शोक संतप्त परिजनों को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि शासन व प्रशासन पीड़ित परिवारों के साथ है। प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी।
अभी लापता लोगों की तलाश में जारी है ऑपरेशन
मिहिपुरवा, बहराइच लापता लोगों की तलाश में प्रशासनिक हमला अभी भी लगा हुआ है। लगातार उनकी तलाश की जा रही है। उम्मीद है की जा रही है कि तेज बहाव के कारण लोगों के शव काफी दूर पहुंच चुके हैं। ऐसे में दूर दराज के नदी के इलाकों में भी तलाश के लिए गोताखोंर लगाए गए हैं। फिलहाल पुलिस और प्रशासनिक अमले का ऑपरेशन लापता लोगों को तलाश रहा है।
नाव में डूबे हुए आठ व्यक्तियों की सूचना
1- नाविक मिहिलाल यादव पुत्र स्व पुतई उम्र 38 वर्ष
2– शिवनंदन मौर्य पुत्र शालिगराम उम्र 50 वर्ष
3–सुमन पत्नी प्रमोद मौर्या उम्र 28 वर्ष
4–सोहनी पुत्री प्रमोद उम्र 5 वर्ष
5– शिवम पुत्र रामनरेश मौर्य उम्र लगभग 9 वर्ष
6–मृतक रमजैया पत्नी अज्ञात निवासी भगगड़वा उम्र लगभग 60 वर्ष(शव मिल गया है)
7–रमजैया के 2 पोते उम्र 7 साल व 10 साल
8–शांति पत्नी पंचम की पुत्री 5 वर्ष की पुत्री 5 वर्ष
आठ लापता व्यक्तियो का विवरण ऊपर अंकित है जिनका तलाश हेतु राहत एवं बचाव कार्य एसएसबी टीम द्वारा जारी है। मौके पर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी उपस्थित हैं।
क्या हैं भरथापुर के हालात
बहराइच। आजादी के बाद से आज तक भरथापुर के लोग नरकीय जीवन जी रहे हैं। करीब 5 किलोमीटर क्षेत्र में या तो ट्रांस गेरुआ का इलाका है, या फिर जंगल एक किलो नमक के लिए भी इस गांव के लोगों को करीब 5 से 7 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ती है। इस गांव के हालात इतने खराब थे की न तो गांव के लोग मुख्य धारा से जुड़ पाए थे और न ही इन्हें सरकार की किसी प्रकार की सुविधा मिल रही थी तत्कालीन जिलाधिकारी मोनिका रानी के जब संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने गांव का दौरा किया लेकिन उनका सरकारी वाहन गांव तक जाने की स्थिति में नहीं था। लेकिन उनके दिमाग में एक मनसा थी कि वह इस गांव के लोगों की पीड़ा को जानेंगी और उसका पुरसा हाल बनेगी। ताकि उस गांव के लोगों का गुजरा हो सके। उस गांव में न तो इलाज की सुविधा थी और न ही आवश्यक सुविधाएं। यहां तक कि कि लोग मुख्य धारा से भी जुड़े नहीं थे। उनके पास राशन कार्ड तक नहीं था।कुछ सुविधाएं तो तत्काल इंडियन बैंक उपलब्ध करा दी कुछ लोगों का आवास भी दिलाए। फिलहाल उन्होंने गांव के लोगों को कई सरकारी सुविधाओं से आच्छादित कराया आवश्यक राशन कार्ड था लेकिन गांव के लोगों के आवागमन की सुविधा बहाल नहीं कर सकी। हालत वही गुजरे आज भी वह लोग उन्हीं परिस्थितियों के बीच आवागमन करने के लिए मजबूर है। बहराइच जिले के बाजारों से उनका संपर्क कई वर्षों से टूटा हुआ है। वह लखीमपुर जिले और नेपाल के जिलों के बाजारों पर निर्भर हैं। वहीं से अपनी दैनिक उपयोगिता की चीज खरीद कर लाते हैं और अपनी जीविका चलते हैं लेकिन इस पर सरकार का ध्यान कतई नहीं जाता। इस हालात के चलते ही बड़ा हादसा हुआ है। एक बार मुख्यमंत्री जब मिहिपुरवा में जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने इस गांव को पूर्ण रूप से सुविधाजनक आच्छादित करने का आश्वासन तो दिया था लेकिन अभी तक उनका निर्देश आदेश धरातल पर नहीं आया है।








