लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सोमवार को लखनऊ उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त लखनऊ के साथ लखनऊ व्यापार मंडल के एक प्रतिनिधि मंडल की बैठक का आयोजित की .आज हुई इस बैठक में ज़िलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार नगर आयुक्त एलडीए आदि के अधिकारी मौजूद रहे। आज हुई इस बैठक के सम्बंध में व्यपार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि उन्होंने व्यापारियों की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.
उन्होंने बताया कि प्रमुख रूप से बाज़ारों में लगने वाला जाम समुचित पुलिस बल की तैनाती सिविल ड्रेस में पुलिस गस्त के साथ नगर निगम, एलड़ीए, राज्यकर जीएसटी, जलसंस्थान आदि समस्ययो पर चर्चा की।
श्री मिश्रा ने बताया कि सभी समस्याओं को सुनने के बाद मण्डलायुक्त ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द सभी समस्याओं को हल कराया जाएगा संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया।

बैठक में ये पदाधिकारी रहे मौजूद
बैठक में मुख्य रूप से राजेन्द्र अग्रवाल अमरनाथ मिश्र देवेन्द्र गुप्ता सतीश अग्रवाल भारत भूषण गुप्ता अभिषेक खरे पावन मनोचा अनुराग मिश्र उमेश शर्मा अनिल विरमानी रामकुमार वर्मा जितेन्द्र सिंह चौहान नीरज जौहर आदि उपस्थित रहे।
ये दिया ज्ञापन
सेवा में
श्रीमान् मण्डलायुक्त
लखनऊ मण्डल उ.प्र. ।
महोदय,
छोटे होटल व्यवसायी जो कि सीमित संसाधनो से होटल चलाते है वह इस राष्ट्र निर्माण की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। लखनऊ शहर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है, यह पूरे शहर में हजरतगंज, नाका, चौक,
चारबाग़, इत्यादि उसी में शामिल है, इसी कारण पुराने शहर का अनियोजित निर्माण हुआ है। इसी प्रकार पूरे हिन्दुस्तान में भी अनियोजित विकसित शहर हुए है जहाँ पर तमाम बाजारे होटल इत्यदि है। आबादी की मांग के अनुरूप बजट होटलों की मांग बढ़ती गयी और कोई सरकार के पास नियोजित योजना नहीं थी जिससे बस अड्डो ट्रेन स्टेशन के पास होटल विकसित हो गये। 70 के दशक में जब एल.डी.ए. आया तब तक चारबाग जैसे इलाकों में काफी होटलों का निर्माण हो चुका था। यही हाल दिल्ली, मुम्बाई, आदि शहरों का भी है।
मध्यम एवं गरीबों लोंगे के लिए यह होटल काफी मददगार साबित होते है। अतः इन होटल कारोबारियों के क्षमता और श्रेणी के अनुसार सुरक्षा उपाय करायें जायं हम सभी राष्ट्र निर्माण में सहयोग सदैव करना चाहते है। लखनऊ व्यापार मण्डल आपका ध्यान विभिन्न विभागों से हो रही व्यापारियों को परेशानी से भी अवगत कराना चाहता है जो इस प्रकार है।
नगर-निगम
- नगर निगम द्वारा अत्याधिक व्यवसायिक टैक्स मनमाने ढंग से लिया जा रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है।
- उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशानुसार शहर भर में अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त किया गया परन्तु नगर निगम एवं पुलिस की निष्क्रियता के कारण पुनः उसी स्थानों पर ठेला खुमचा आदि लगना शुरू हो गया है। उदाहरण के तौर पर मेडिकल कालेज चौराहे के आस पास फलों आदि के ठेला क्वीनमेरी गेट के सामने रोड पर दोनो तरफ स्टैण्ड लगा कर सड़क घेर रखी है, रकाबगंज पुल पर रेल लाइन के किनारे पुनः सब्जी फल के ठेला के साथ चार पहिया वाहन दिन भर खड़े रहते है जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है। इसी तरह अमीनाबाद नक्खास, भूतनाथ, नाका आलमनगर, कैम्पवेल रोड लादूस रोड, चारबाग, कैसरबाग, डालीगंज, निशातगंज आलमबाग आदि बाजारों का भी यही हाल है।
3 नगर निमग द्वारा बिना नोटिस दिये रात के अंधेरे में या सुबह 6 बजे दुकान सील कर जाते है जो में कि गलत है। - नगर निगम के द्वारा हाउस टैक्स बकाया होने पर नोटिस दूसरे मकानों पर चस्पा कर दी जाती है. यह कर्मचारियों की बहुत बड़ी लापरवाही है।
- देश की आजादी को 76 वर्ष हो गये हैं परन्तु विस्थापित नागरिकों को दी गयी दुकाने जैसे मोहन मार्केट तालकटोरा रोड, गुरुनानक मार्केट चारबाग, भूपाल हाउस के दुकान दारों को उनसे मूल्य लेकर मालिकाना हक दिया चाहिए।
- सरकार की मंशा एवं महिला सशक्तीकरण तथा सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ व्यापार मण्डल मांग की थी कि बाजारों में पिंक टॉयलेट बनाये जाये परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
- स्ट्रीट प्रकाश लाइट खराब पड़ी है जिसे तत्काल सही कराया जाय।
- बाजारों में बनी भूमिगत पार्किंग में स्थानीय लोगों को पास बनाकर गाड़ी खड़ी करा दी गयी है व्यापारियों के लिए आरक्षित पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
- त्यौहारों में लगने वाली बाजारों के लिए जगह चिन्हित कर उन्ही स्थानों पर बाजारों को लगाया जाय हर सड़क फुटफाथ पर बाजारों को न सजने दिया जाय ताकि आवागमन
एल.डी.ए. - अभी तक बने हुए व्यसायिक स्थल जहाँ दुकानदार दुकान चला रहा है उस पर शमन शुल्क योजना लागू कर उनको नियमित किया जाय।
- लखनऊ इम्प्रूवमेंट, नजूल की सम्पत्तियों पर तत्काल फ्री होल्ड की व्यवस्था लागू की जाय
इससे सरकार के राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी। - नक्खास मार्केट के अन्दर बनी एलडीए मार्केट में पार्किंग पर अवैध कब्जा है जिसे खाली कराकर पार्किंग के लिए आरक्षित किया जाय।
पुलिस / यातायात - त्यौहारों में टप्पेबाज गिरोह कफी सक्रिय हो जाते है आये दिन सैकड़ों व्यापारी इसका सिकार होते है।
- त्यौहारों को देखते हुए सभी घनी बाजारों में समुचित पुलिस बल की तैनाती की जाय।
- टप्पे बाज गिरोह को विफल करने के लिए पुलिस सिविल ड्रेस में गस्त करे।
- त्यौहारों में काफी भीड़ भाड़ होती है और थोक बाजारों में तो हाथी डाला तांगा रिक्सा का आवागमन बढ़ जाता है जिससे बाजारों में यातायात के लिए छोटे बड़े सभी चौराहों पर
यातायात पुलिस की तैनाती की जाय ताकि सुगम यातायात चल सके। - पुराने लखनऊ में ट्राफिक समस्या भीषण है इसे हर चौराहे पर एक ट्रॉफिक प्वाइन्ट बनाकर पुलिस
की तैनाती की जाय। - नगर निगम के द्वारा खाली करायी गयी सड़क पटरी पर पुनः पटरी दुकानों द्वारा अतिक्रमण लगा लिया है उदाहरण के रूप में देखा जाय तो नक्खास, मेडिकल कालेज, रकाबगंज, अमीनाबाद, आलमबाग, भूतनाथ इत्यादि बाजारों में पुनः अतिक्रमण अपनी जगह पर लगने लगा है। यह पुलिस की उदासीनता है।
विजली एवं अन्य समस्या
- त्यौहारों को देखते हुए सभी बाजारों में लाइट मेन्टीनेस का कार्य पूर्ण करा लिया जाय ताकि
निर्बंध विलजी सप्लाई हो सके। मेन्टीनेस का कार्य बाजार के बन्दी के दिन ही किया जाय। - दीपावली से गंगा स्नान तक बिजली लाइनमैन की एक टोली बाजारों में ही मौजूद रहे। फाल्ट होने पर तत्काल सही किया जा सके।
लोक निर्माण / स्मार्ट सिटी विभाग - बाजारों की सड़कें काफी जर्जर है उसे तत्काल सही कराया जाय। स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्य से कई बाजारों में सड़क खोद कर छोड़ दी गयी है जो कि लगभग 6 माह से अधिक समय हो गया हैं जैसे लाटूस, हीवेड रोड, राजेन्द्र नगर आदि इन्हें तत्काल कार्य पूर्ण कराया जाय।
स्मार्ट सिटी के कार्य में तेजी लानी चाहिए। जिस जगह पर कार्य किया जाय वहां कार्य पूर्ण
करा कर ही अगली साइड पर जाया जाय।
फूड सेफ्टी एक्ट विभाग
खाद्य पदार्थ का करोबार करने वाले व्यापारी को दुकान के अतरिक्त एक या उससे अधिक गोदाम स्थल
रखने पड़ते हैं। जो इस प्रकार है। - फूड सेफ्टी एक्ट के अर्न्तगत दुकान के अतरिक्त प्रत्येक गोदाम का पंजीकरण होना चाहिए। जिसका
एक अलग नम्बर होता है। जिसके लिए अलग से पंजीकरण शुल्क देना पड़ता है। - ऑन लाइन पंजीकरण प्रक्रिया के बाउजूद सम्बन्धित अधिकारी द्वारा उसे होल्ड पर डाल दिया जाता है एवं जब तक व्यापारी स्वयं जाकर उन्हें न मिले तब तक उसका पंजीकरण नहीं हो पाता है। 3. फूड सेफ्टी एक्ट के अनुसार जिस वाहन पर माल जा रहा हो वह भी एक्ट के अर्न्तगत पंजीकृत होना
चाहिए। हर बिल के साथ पंजीकरण संख्या होनी चाहिए। - विचारणीय है कि उपरोक्त एक्ट भी सरकार का है और जीएसटी भी एक व्यापारी माल बेचने पर जीएसटी का बिल बनाये और साथ में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पंजीकरण का उल्लेख करें और यदि गोदामों से माल भेज रहा है तो गोदामों के पंजीकरण संख्या का उल्लेख करे।
- जिस वाहन पर माल जा रहा है उसका पंजीकरण संख्या डालें।
- लाइसेन्स नवीनीकरण विलम्ब शुल्क लाइसेंस की तारीख समाप्त होने से 1 माह पूर्व लगाया जा रहा जो कि न्यायोचित नहीं है उसे अंतिम तिथि के बाद ही लगाया जाय।
प्रत्येक गोदाम का पंजीकरण होना चाहिए। जिसका
एक अलग नम्बर होता है। जिसके लिए अलग से पंजीकरण शुल्क देना पड़ता है। - ऑन लाइन पंजीकरण प्रक्रिया के बाउजूद सम्बन्धित अधिकारी द्वारा उसे होल्ड पर डाल दिया जाता है एवं जब तक व्यापारी स्वयं जाकर उन्हें न मिले तब तक उसका पंजीकरण नहीं हो पाता है। 3. फूड सेफ्टी एक्ट के अनुसार जिस वाहन पर माल जा रहा हो वह भी एक्ट के अर्न्तगत पंजीकृत होना
चाहिए। हर बिल के साथ पंजीकरण संख्या होनी चाहिए। - विचारणीय है कि उपरोक्त एक्ट भी सरकार का है और जीएसटी भी एक व्यापारी माल बेचने पर जीएसटी का बिल बनाये और साथ में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पंजीकरण का उल्लेख करें और यदि गोदामों से माल भेज रहा है तो गोदामों के पंजीकरण संख्या का उल्लेख करे।
- जिस वाहन पर माल जा रहा है उसका पंजीकरण संख्या डालें।
- लाइसेन्स नवीनीकरण विलम्ब शुल्क लाइसेंस की तारीख समाप्त होने से 1 माह पूर्व लगाया जा रहा जो कि न्यायोचित नहीं है उसे अंतिम तिथि के बाद ही लगाया जाय।