(रिपोर्ट – अमित चतुर्वेदी )
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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में फसल अवशेष/ कूड़ा जलाए जाने की घटनाओं की रोकथाम एवं फसल अवशेष प्रबंधन की हुई बैठक
औरैया ।जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की अध्यक्षता में जनपद में फसल अवशेष/ कूड़ा जलाए जाने की घटनाओं की रोकथाम एवं फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में बैठक का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा समस्त उप जिलाधिकारी को सख्त निर्देश दिए गए कि जनपद में फसल अवशेष/ कूड़ा जलाने की एक भी घटना घटित न होने पाए, यदि फसल अवशेष/ कूड़ा जलाने की घटना पाई जाती है तो मा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के अनुसार दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रुपए 2500/-, 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए रुपए 5000/- और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रुपए 15000/- तक पर्यावरण कंपनसेशन की वसूली संबंधित से की जाए तथा राजस्व अनुभाग के शासनादेश द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा- 26 के अंतर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थ दंड लगाए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया।
जनपद में चलने वाला कोई भी कंबाइन हार्वेस्टर यदि सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक एवं बेलर के बगैर चलते हुए पाया जाए तो उसको तत्काल चीज करते हुए कंबाइन मालिक के स्वयं के खर्चे पर सुपर क्स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगवा कर ही छोड़ जाए। उन्होंने अवगत कराया कि कृषक फसल अवशेष को गड्ढे में डालने के उपरांत बायो डीकंपोजर का छिड़काव कर कंपोस्ट खाद तैयार कर सकते हैं, जिसका प्रयोग अपनी फसलों में खाद के रूप में कर सकते हैं तथा परली/ फसल अवशेष को गौशालाओं में दान कर फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोके जाने में अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
बैठक में समस्त अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व महेंद्र पाल सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक अब्दुल वासित, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, उप कृषि निदेशक, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने कानून व्यवस्था दुरुस्त बनाये रखने एवं अभियोजन के कार्यों की समीक्षा कर दिए जरूरी निर्देश
औरैया । जिलाधिकारी नेहा प्रकाश व पुलिस अधीक्षक चारु निगम ने कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में जनपद की कानून व्यवस्था दुरुस्त बनाये रखने एवं अभियोजन के कार्यों की बिन्दुवार विस्तार पूर्वक समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी संबंधित अपनी जिम्मेदारियां को ईमानदारी से निभाएं यदि किसी के विरुद्ध कोई भी शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी
जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी मामले की पैरवी किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं होनी चाहिए जिससे कि अपराधी छूट जाए और निर्दोष को सजा हो समस्त थाना अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र की शिकायतों को ईमानदारी के साथ निस्तारित कराएं। उन्होंने महिला अपराधों से संबंधित मुकदमों पर प्रभावी ढंग से कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारी एवं एसएचओ को निर्देश दिए कि भूमि विवाद मामलों को टीम बनाकर समय से निस्तारण कराना सुनिश्चित करें भूमि विवाद मामलों को गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों को लिखित आख्या के साथ मामले को शांत कराया जाए यदि इसके पश्चात भी कोई अनहोनी होने की आशंका हो तो अपराधिक प्रवृत्ति पक्ष की तरफ कार्यवाही की जाए।
पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने सभी थाना, चौकी प्रभारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दर्ज होने वाली एफ.आई.आर. को निर्धारित समय में कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए तथा कोर्ट के द्वारा आने वाले निर्देशों के अनुपालन में समय रहते कार्रवाई पूर्ण कर ली जाए जिससे कि वादों का निस्तारण समय से हो सके।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) महेंद्र पाल सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक दिगंबर कुशवाहा, उप जिलाधिकारी सदर अखिलेश कुमार, उप जिलाधिकारी अजीतमल राकेश कुमार, उप जिलाधिकारी बिधूना निशांत तिवारी सहित संबंधित अधिकारी व क्षेत्राधिकारी पुलिस एवं थाना प्रभारी आदि उपस्थित रहें।
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जिलाधिकारी ने कर-करेक्तर एवं विविध देयों की वसूली समीक्षा कर अधिकारियो को किया निर्देशित
औरैया । जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में आयोजित कर-करेक्तर एवं विविध देयों की वसूली समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि सभी संबंधित अधिकारी अपने अपने विभागीय लक्ष्य के सापेक्ष पूर्ति सुनिश्चित करें इसमें किसी भी स्तर पर बरती गई शिथिलता/लापरवाही के लिए जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में वाणिज्यकर, स्टाम्प, आबकारी, परिवहन, नगर निगम, कृषि विपणन, विद्युत, खनन, मंडी आदि की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान मंडी सचिव औरैया के बैठक में अनुपस्थित पाए जाने व वसूली की स्थिति सही न होने तथा मंडी सचिव अछल्दा/दिबियापुर द्वारा वसूली कार्य में शिथिलता पाए जाने पर स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को आगाह किया की वसूली को लक्ष्य के सापेक्ष सुनिश्चित करने के लिए सतत् प्रवर्तन कार्य किया जाए। उन्होंने नगर पंचायत/ नगर पालिका परिषद के वाणिज्य प्रतिष्ठानों पर किराया बढ़ाए जाने आदि की कार्यवाही करने की भी निर्देश दिए।
उक्त के पूर्व जिलाधिकारी ने स्टाफ बैठक में पटलवार कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की पटल संबंधी कोई भी कार्य लंबित नहीं रहना चाहिए और निर्धारित समय सीमा में कार्यों का निस्तारण किया जाए। उन्होंने पट्टा आवंटन के कार्य के लिए पात्रों को चयनित कर नियमानुसार वृक्षारोपण, कृषि भूमि, मत्स्य आवास कुम्हारी कला के पट्टे शीघ्रता के साथ आवंटित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आवंटन कार्य में किसी प्रकार की अनियमित पाई जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने 03 से 05 वर्ष तक तथा 5 वर्ष से पूर्व के वादों को प्राथमिकता के साथ निस्तारण करने के निर्देश दिए। बैठक में यह भी निर्देश दिए की सभी संबंधित अपने-अपने से संबंधित 10-10 बड़े बकायेदारों की सूची तैयार कर उनसे वसूली की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने भूमि संबंधी मामलों के निस्तारण हेतु चेतावनी दी कि लेखपाल, कानूनगो/तहसीलदार आदि की टीम के साथ पुलिस बल भी भेजा जाए इसके लिए संबंधित उप जिलाधिकारी व पुलिस क्षेत्राधिकारी आपसी समन्वय के साथ टीम भेजना सुनिश्चित करें जिससे कोई गंभीर स्थिति उत्पन्न होने पर नियंत्रित किया जाए, साथ ही टीम द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की आख्या अवश्य प्राप्त की जाए ताकि समस्या के निस्तारण आदि की सही जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने संपत्ति नामांतरण, एंटी भूमाफिया, मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा जैसे मामलों का निस्तारण समयबद्धता के साथ किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आडिट आपत्तियों के निस्तारण की कार्यवाही की समीक्षा के दौरान नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सभी संबंधित पटल सहायक/अधिकारी आपत्तियों का निस्तारण समय रहते पूर्ण करें इसमें किसी प्रकार की शिथिलता दृष्टिगत होने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) महेंद्र पाल सिंह, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) अब्दुल बासित, डिप्टी कलेक्टर बुसरा बानो, उप जिलाधिकारी अजीतमल राकेश कुमार, उप जिलाधिकारी सदर अखिलेश कुमार, उप जिलाधिकारी बिधूना निशान्त तिवारी, जिला आबकारी अधिकारी सुरेंद्र कुमार सहित संबंधित अधिकारी, तहसीलदार व विभिन्न पटल सहायक आदि उपस्थित रहे।
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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की हुई बैठक
औरैया । जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक आहूत की गयी, बैठक में खराब प्रगति वाले बाल विकास परियोजना अधिकारी/ब्लॉक समन्यक भाग्यनगर, औरैया ग्रामीण एवं अजीतमल को कठोर चेतावनी देते हुए प्रगति सुधार करने के निर्देश दिये गये। औरैया ग्रामीण परियोजना में पोषण ट्रैकर एप पर प्रगति अत्यंत खराब होने के कारण रंजना सेंगर, ब्लॉक समन्यक को चेतावनी देते हुए पोषण ट्रैकर पर स्थिति में सुधार के निर्देश दिये गये हैं, स्थिति में सुधार न होने पर सेवा से विरक्त कर दिया जाएगा। साथ ही ग्रामीण अभियंत्रण विभाग/ संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये गये कि वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में निर्मित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को यथाशीघ्र पूर्ण कारायें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी बीरेंद्र कुमार, जिला पिछला वर्ग कल्याण अधिकारी आशुतोष सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी देवमणि मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी कामिनी गौतम, उपायुक्त स्वत: रोजगार, समस्त खंड विकास अधिकारी, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी/प्रभारी मुख्य सेविकाएं एवं समस्त ब्लॉक समन्वयक उपस्थित रहे।
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डीएम,एसपी समेत सभी अधिकारियों ने अपने अपने कार्यालयो में फरियादियों की समस्यायों को सुना
औरैया । गुरूवार को जिलाधिकारी नेहा प्रकाश में अपने कार्यालय में फरियादियो की समस्यायों को सुनकर कुछ समस्याएं मौके पर निस्तारित की ,शेष बची समस्यायो को संबंधित अधिकारियों को जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए। उधर सभी सर्किल के एसडीएम ,तहसीलदार ने भी कार्यालय में आए फरियादियो की समस्यायो को सुना। उधर पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने पुलिस मुख्यालय ककोर में आये हुए पीडित फरियादियों की समस्याओं को जनसुनवाई के दौरान विस्तारपूर्वक सुनकर पीडितों को न्याय का भरोसा दिलाते हुए गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध तरीके से न्यायोचित निस्तारण करने हेतु सर्व-सम्बन्धित अधि0/कर्म0गणों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। वही पुलिस अधीक्षक चारू निगम के निर्देशन में जनपद औरैया के समस्त क्षेत्राधिकारी ,समस्त थाना प्रभारियों/थानाध्यक्षों ने अपने-अपने कार्यालयों पर उपस्थित होकर फरियादियों की समस्याओं को सुना तथा न्याय का भरोसा दिलाते हुये गुणवत्तापूर्ण समयबद्ध तरीके से न्यायोचित निस्तारण करने हेतु सर्व-सम्बन्धित को निर्देशित किया ।