Jalaun news today । क्षत्रिय समाज ने बैठक कर मृत्यु भोज निषेध पर सहमति जताई है। सालाबाद सुढ़ार निवासी समाजसेवी राजवीर सिंह राजावत ने अपनी बड़ी मां का मृत्यु भोज न कराने की घोषणा कर शुरूआत की।
सालाबाद सुढ़ार में राजवीर सिंह राजावत के आवास पर मृत्यु भोज की कुप्रथा को लेकर बैठक की गई। बैठक में राजवीर सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति के यहां यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो वह परिवार वैसे दुख में होता है। यदि किसी के यहां बीमारी आदि के चलते निधन हुआ है तो परिवार वैसे ही आर्थिक रूप से परेशान रहता है। ऐसे में कई बार लोगों को मृत्यु भोज कराने के लिए कर्ज तक लेना पड़ता है। इसलिए समाज में इस कुप्रथा को बंद कराना आवश्यक है। उन्होंने घोषणा की कि उनकी बड़ी मां नैया देवी पत्नी शिवशंकर का मृत्युं भोज 27 अप्रैल को होना था। वह अपने घर से ही इस कुप्रथा को समाप्त करने की शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने समाज के सभी लोगों से इस कुप्रथा को समाप्त कराने की अपील की। सतेंद्र राजावत ने कहा कि मृत्यु भोज समाज में एक संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि इससे समाज का कोई भी घर अछूता नहीं है। इसलिए सभी लोग शांत मन से इस पर विचार करें। मृत्यु भोज किसी परिवार पर बोझ न बने। यदि सभी लोग इस पर सहमति बना लें तो तमाम घर कर्ज के बोझ से बच सकते हैं। भरत तोमर, रामू तोमर, देवेंद्र तोमर, यतेंद्र राजावत उदोतपुरा, बब्बन राजावत सिकरीराजा, धीरेंद्र सिंह राजावत लहचूरा, सूबेदार सिंह हथेरी आदि मौजूद रहे।
