प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
Lucknow news today । उत्तर प्रदेश में आम जनमानस को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यापक बनाने और उसके लिए आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ ही लाभार्थी के चिकित्सा इकाई के अनुभव को सुखद बनाने के लिए वृहद प्रयास किये जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार के साथ ही जन सामान्य के बीच चिकित्सा इकाईयों में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की छवि में उल्लेखनीय सुधार परिलक्षित भी हो रहा है।
इसी क्रम में राजकीय चिकित्सा इकाई के प्रथम सम्पर्क बिंदु (रिसेप्शनिस्ट) वार्ड सहायक, सुरक्षा गार्ड, से लाभार्थी के अनुभव को अधिक बेहतर बनाने हेतु राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान] लखनऊ में व्यवहार सम्बन्धी प्रशिक्षण के लिए, प्रशिक्षकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण (टी0ओ0टी0) का शुभारम्भ एवं प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 पिंकी जोवल, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. बृजेश राठौर, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ तथा डॉ0 नरेन्द्र अग्रवाल, महानिदेशक प्रशिक्षण उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि सुरक्षा गार्ड, स्वागत कक्ष में तैनात कर्मी तथा वार्ड सहायक चिकित्सालय में आने वाले व्यक्तियों के लिए प्रथम संपर्क बिंदु का काम करते हैं। मरीजों तथा उनके परिवारजनों के प्रति चिकित्सालय के इन कर्मचारियों की सजगता और व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन कर्मचारियों द्वारा दी गई जानकारी और किया गया व्यवहार लाभार्थी के अस्पताल के अनुभव को प्रभावित करता है और लाभार्थियों का सुखद अनुभव जन सामान्य के बीच न केवल चिकित्सा इकाई वरन प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की छवि सुधारता है।
कार्यक्रम में उपस्थित मिशन निदेशक] डॉ0 पिंकी जोवल ने “संतुष्ट चिकित्साकर्मी तथा संतुष्ट लाभार्थी” का मन्त्र देते हुए, संवेदनशील और सम्मानजनक व्यवहार से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की छवि सुदृढ़ करने पर बल दिया तथा प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रथम सम्पर्क बिंदु के रूप में कार्यरत इन कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रतिभागियों को दिए। उन्होंने इस प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम तैयार करने में सहयोग देने वाली संस्थाओं- यू0पी0टी0एस0यू, पी0एस0आई0 इंडिया तथा यूनिसेफ को धन्यवाद ज्ञापित किया।
चिकित्सा इकाई पर सुरक्षा गार्ड, स्वागत कक्ष में तैनात कर्मी तथा वार्ड सहायक की भूमिका तथा उनके उत्तरदायित्वों की महत्ता को समझते हुए, प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों के समस्त कर्मियों को व्यवहार सम्बन्धी प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है, जो इस दिशा में एक अभिनव प्रयास है।
प्रशिक्षकों के इस प्रशिक्षण के प्रथम बैच में जनपद लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव और रायबरेली के जिला चिकित्सालयों के चिकित्सा अधीक्षक, अस्पताल प्रबंधक, मेट्रन आदि 38 प्रशिक्षक प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित थे। प्रशिक्षण उपरान्त ये प्रतिभागी सम्बन्धित जनपदों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। आगामी दिवसों में इस प्रकार के 11 बैच का प्रशिक्षण राज्य स्तर पर प्रस्तावित हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं तथा महानिदेशक प्रशिक्षण ने भी प्रतिभागियों को सम्बोधित किया तथा आगंतुकों के चिकित्सा इकाई पर अनुभवों को सुखद बनाने की शुभकामनाएँ दीं।