
Jalaun news today । हसन व हुसैन की यादगार के रूप में चेहल्लुम के पर्व पर ताजियों को निकालने के बाद अकीदतमंदों द्वारा ताजियों को कर्बला में दफन किया गया। जिसमें रविवार की रात एवं सोमवार को दोपहर ताजियों को तोपखाना स्थित तकिया मैदान से उठाया गया। ताजियों को नगर के विभिन्न मार्गाे से होते हुए चुंगी नंबर चार के पास कर्बला शरीफ की ओर ले जाया गया। जहां अकीदतमंदो ने पूरे एहतमाम से उन्हें कर्बला शरीफ में दफन किया।

चेहल्लुम के अवसर पर नगर में ताजियों को रविवार की रात 12 बजे नगर में विभिन्न मार्गों से होेकर घुमाया गया। इसके बाद सोमवार को दोपहर 12 बजे सभी ताजियादारों द्वारा अपने अपने ताजियों को तकिया स्थित मैदान पर एकत्रित किया गया। जहां से सभी ताजियों को दीपक मित्तल की गली से होते हुए नत्थू चौराहा, बंबई वाले मंदिर होते हुए झंडा चौराहे पर एकत्रित किया गया। इसके बाद शाम चार बजे उन्हें पत्थर वाली गली से बंबई वाले मंदिर के रास्ते होकर चुंगी नं चार पर कर्बला शरीफ के लिए रवाना किया गया। जहां ताजियादार याकूब शाह तोपखाना, शमशाद हिरदेशाह, कुतबुद्दीन, गुलशे, खलील, बाबू मंसूरी बजरिया, शकूर मंसूरी नारोभास्कर, बाबू शाह नजरबाग, दीनअली शाह कछोरन एवं शरीफ काशीनाथ ने सभी ताजियों को अकीदत के साथ कर्बला शरीफ के मैदान में दफन किया।

चेहल्लुम के पर्व को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन बताते हैं कि मैदाने कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन व उनके 71 अनुयायियों की शहादत के चालीस दिन बाद चेहल्लुम का पर्व मनाया जाता है। इमाम हुसैन मोहर्रम की दसवीं तारीख को शहीद हुए थे, चालीसवें पर हम उन्हें और उनके साथियों की शहादत को एक बार फिर याद करते हैं।

वहीं, ताजिया निकलते समय कोई गड़बडी न हो इसके लिए स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से चाक, चौबंद रहा। जुलुस के दौरान एसडीएम अतुल कुमार, सीओ शैलेन्द्र बाजपेई, कोतवाल वीरेंद्र पटेल, इंस्पेक्टर क्राइम जगदम्बा प्रसाद दुबे, चौकी प्रभारी कुलवंत सिंह समेत कोतवाली व चौकी पुलिस फोर्स ताजियाधारकों व जुलुस के साथ रहा।






