किसानों को सशक्त बनाने के लिए आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम,,,

Jalaun news today । जालौन नगर में किसानों को सशक्त बनाना और उन्हें आधुनिक कृषि अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य भंडार गृह में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल के रूप में कृषि भंडारण और वित्तपोषण के नवीनतम पहलुओं पर केंद्रित एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य भण्डार गृह परिसर में इंदिरा गांधी सहकारी प्रबंध संस्थान, लखनऊ द्वारा डब्ल्यूडीआरए नई दिल्ली के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम संयोजक मोहम्मद मिंजार ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए किसानों, व्यापारियों व मिलर्स के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। भंडार गृह में रखे गए अनाज पर आसान व कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें किसानों से प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज लगता है, इसके लिए सिर्फ किसान द्वारा भंडारगृह में रखे अनाज की रसीद लगती है। भंडार गृह में रखे अनाज की कीमत का 75 प्रतिशत मूल्य तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने ई-किसान उपज निधि के बारे में भी जानकारी दी। कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज का बेहतर प्रबंधन करने, वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने और बाजार में मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद करना है। स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक अनूप कुमार ने कृषक मिलर्स एवं व्यापारियों को मिलने वाले लोन के बारे में जानकारी देकर उसका लाभ उठाने की अपील की।

भंडार गृह प्रभारी लक्ष्मीकांत ने बताया कि किसानों के लिए सरकार भंडार गृह में उपज/अनाज रखने पर किराए में 30 फीसदी की छूट दे रही है। साथ ही गोदाम भंडारण में उपयोग होने वाले यंत्रों व दवाइयों के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी। अनंत पाण्डे मैनेजर व्यवसाय विकास एनईआरएल ने उपज के जमा एवं निकासी की प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक रसीद की जानकारी देकर बताया कि फसल व्यवस्था के अनुसार रसीद प्रदान की जाएगी जिसमें उत्पाद के पूरे विवरण का उल्लेख होगा एवं किसान इस रसीद को किसी को भी ट्रांसफर कर सकता है। इस रसीद को बैंक में गिरवी रखकर प्रचलित दरों पर लोन भी प्राप्त कर सकता है। इस मौके पर सुधीर यादव, अनन्त रेजा, कौशल शिवहरे, अनूप सिंह, यादवेंद्र सिंह चौहान, अवध बिहारी गुप्ता, सुशील गुप्ता, थोपन यादव, मनोज शिवहरे, अभय राजावत आदि मौजूद रहे।

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