Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन,,पीएम मोदी ने व्यक्त की शोक संवेदना,,

पद्म भूषण और पद्म विभूषण मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha Death News) आज कैंसर से लड़ते लड़ते जिंदगी की जंग हार गई। उन्होंने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. छठ के पहले दिन नहाय-खाय पर शारदा सिन्हा का निधन हो गया. दिल्ली के AIIMS में उन्होंने मंगलवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना के बाद पीएम मोदी ने गहरा दुःख प्रकट किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1951 को सुपौल बिहार में हुआ था । उनके पिता भी एक संगीत प्रेमी थे. उनके पिता ने उन्हें गाना सिखाया था. वे बहुत छोटे उम्र से गाने लगीं थी. पहली बार उन्होंने अपने भाई की शादी में गाना गाया था. शारदा सिन्हा ने कई भाषाओं में गाने गाए. उनका पहला बड़ा गाना मैंने प्यार किया फिल्म का था. इसमें उन्होंने काहे तोहसे सजना गाया. शारदा सिन्हा का छठ पर्व से बहुत गहरा रिश्ता था. उनका गाना पहिले पहिल कइनी छठ बहुत प्रसिद्ध हुआ. तब से ये गाना छठ का एक हिस्सा ही बन गया. देश भर के लोग दिवाली-छठ में शारदा सिन्हा को सुनते हैं.

बेटे ने X पर दी ये जानकारी

बेटे ने X पर दी ये जानकारी

वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. शारदा सिन्हा को बिहार की ‘स्वर कोकिला’ भी कहा जाता था. शारदा सिन्हा ने कई छठ गीतों को अपनी आवाज देकर देश-दुनिया में पहचान दिलाई. शारदा सिन्हा ने अपने करियर में हिंदी, मैथिली, मगही, वज्जिका और अंगिका जैसी कई भाषाओं में गाने गाए.

सुपरहिट हुआ था यह गाना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मशहूर गायिका शारदा सिन्हा का एक गाना बॉलीवुड में 1989 में आया, जब उन्होंने सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया में काहे तोहसे सजना गाना गाया था. इसके बाद उनके कई हिट गाने आए, जैसे कि हम आपके हैं कौन का विदाई गीत बाबूल मोहनीश बहल और फिल्म नदिया के पार का जब तक पूरे ना हो फेरे सात आदि।

पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक कही यह बात

मशहूर लोकगायिका के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने सोशल साइट्स X पर लिखा सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!

Leave a Comment