जालौन के इस गांव में हुआ भक्तिमय वातावरण,, चल रहा यह धार्मिक अनुष्ठान,,

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन क्षेत्र के सुढ़ार सालाबाद स्थित शिव शंभू धाम पर चल रहे पहले नौ कुंडी शिवशक्ति महायज्ञ, देवी भागवत महापुराण एवं रामलीला महोत्सव का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। सातवें दिन देवी भागवत कथा और रात्रिकालीन रामलीला के आयोजन ने सभी को आस्था और भक्ति के रस में सराबोर कर दिया।
सुबह महायज्ञ की पूर्ण विधिविधान से शुरुआत हुई, जिसमें आचार्य डॉ. मिथलेश त्रिपाठी के निर्देशन में यज्ञाचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आहुतियां दी गईं। नौ कुंडी यज्ञशाला से उठता यज्ञधूम वातावरण को सुगंधित और पावन कर रहा था। श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां देकर अपने कष्टों के निवारण और विश्व शांति की कामना की। संध्याकाल में देवी भागवत महापुराण की सातवें दिन की कथा का वाचन भागवताचार्य अरविंद मिश्रा ने किया। उन्होंने भक्तों को माता दुर्गा के विभिन्न रूपों, महिषासुर मर्दिनी की कथा, देवी की शक्ति और भक्तों की भक्ति से मिलने वाले दिव्य फल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब देवी अपने किसी न किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की स्थापना करती हैं। कथा में विशेष रूप से चंड-मुंड वध, रक्तबीज संहार, एवं देवी के रौद्र रूपों का सुंदर वर्णन हुआ। उन्होंने बताया कि देवी केवल विनाश की प्रतीक नहीं बल्कि सृजन, रक्षा और पालन की शक्ति भी हैं। कथा के दौरान श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और जय माता दी के जयघोषों से पंडाल गुंजायमान होता रहा। रात्रि में रामलीला मंचन का विशेष आकर्षण रहा, जिसमें मेघनाद वध और रावण वध की लीलाओं का सजीव प्रदर्शन किया गया। रामलीला के पात्रों ने सजीव अभिनय से दर्शकों को त्रेतायुग की घटनाओं से जोड़ दिया। मेघनाद का युद्ध, लक्ष्मण का घायल होना, हनुमान द्वारा संजीवनी लाना तथा अंत में प्रभु श्रीराम द्वारा रावण का वध कर धर्म की पुनः स्थापना करना, यह सब दर्शकों के मन में रोमांच भर देने वाला रहा।

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