यूपी का शिक्षा क्रांति मॉडल: हर गांव-हर स्कूल में भविष्य निर्माण की नई कहानी

  • शिक्षा का नया चेहरा: योजना से यथार्थ तक
  • परिवर्तन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संवाहक बने शिक्षकों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
  • 746 केजीबीवी को इंटर स्तर तक उच्चीकृत, 683 में स्मार्ट क्लास, ICT लैब, अतिरिक्त कक्ष और छात्रावास का निर्माण पूरा

Lucknow News : एक शिक्षक न सिर्फ विद्यार्थी के जीवन को शिक्षा से प्रकाशमान करता है, बल्कि उसके अंदर उन गुणों का भी संचार करता है, जिससे वह सभ्य समाज की मजबूत नींव रखता है। अच्छी गुणवत्तापरक शिक्षा की बदौलत ही छात्र छात्राएं अच्छे नागरिक बनते हैं, जिससे उनके परिवार और देश को गर्व होता है। शिक्षा के व्यवसायीकरण, निजी शिक्षण संस्थानों की महंगी फीस के माहौल के बीच आज भी आम आदमी और ग्रामीण इलाकों के लोग अपने बच्चों की शिक्षा के लिए सरकारी विद्यालयों पर ही निर्भर हैं। ऐसे में यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की भूमिका और भी बढ़ जाती है।

सीएम योगी ने की शिक्षकों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना

सरकारी व्यवस्था पर भले ही लाख सवाल उठें, लेकिन ये सच है बीते कुछ वर्षों में यहां न सिर्फ पढ़ाई का माहौल बदला है, बल्कि सुविधाओं में भी काफी इजाफा हुआ है, जिससे बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इनमें उन प्रधानाध्यपकों, अध्यापकों की अग्रणी भूमिका हैं, जिन्होंने इसे केवल सरकारी नौकरी नहीं समझा, बल्कि वह स्कूल को अपना घर और यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का अपने बच्चों की तरह ध्यान रखते हुए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। इसलिए सरकार खुद इन्हें परिवर्तन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संवाहक की संज्ञा देकर प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में ऐसे ही शिक्षकों को सम्मानित करते हुए उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।

प्रधानाध्यापिका नीता यादव के खाते में एक और उपलब्धि

इस मौके पर 25 जनपदों के शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें लखनऊ जनपद से नीता यादव एकमात्र शिक्षक रहीं। नीता यादव जूनियर हाईस्कूल महमूदपुर, विकासखण्ड – गोसाईंगंज में प्रभारी प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। वह वर्ष 2022 में राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित हैं। 388 नामांकन वाले इस विद्यालय में 72 छात्र-छात्राओं का आय एवं राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा छात्रवृत्ति के लिए चयन किया गया है। मण्डल स्तर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यालय को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। नीता यादव की इस नई उपलब्धि से उनके विद्यालय के शिक्षक और छात्र छात्राएं भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उनकी कार्यशैली की विभाग के आलाधिकारी भी सराहना करते हैं। विद्यालय के छात्रों विशेष तौर पर छात्राओं के हितों, उनकी मदद करने के लिए नीता यादव व्यक्तिगत स्तर पर भी हमेशा आगे रहती हैं। इसलिए गोसाईंगंज ब्लॉक के इस स्कूल की बेहतर माहौल और गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक माहौल की पूरे राजधानी में हमेशा चर्चा रहती है।

स्कूल शिक्षा का एक नया मॉडल देने जा रहा है यूपी

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में लगभग सभी विद्यालय ऑपरेशन कायाकल्प के साथ जुड़ चुके हैं। वंचित तबके की वे बालिकाएं, जिनका ड्रॉप आउट रेट सर्वाधिक था, उन्हें कस्तूरबा विद्यालयों ने एक संबल दिया। उत्तर प्रदेश, स्कूली शिक्षा का एक नया मॉडल देने जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा तो आधारशिला होती है। उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा परिषद इनोवेशन का एक नया केंद्र बिंदु बना है।

यूपी की शिक्षा व्यवस्था देश के लिए मिसाल

इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था किसी स्लोगन या योजना का हिस्सा भर नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन चुकी है। लोक भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्होंने कहा कि यूपी की शिक्षा व्यवस्था अब मॉडल फॉर इंडिया है, तो यह महज़ दावा नहीं बल्कि पिछले आठ वर्षों की जमीनी मेहनत का प्रमाण था।

कायाकल्प से बदले स्कूलों के रंग-रूप

132,852 विद्यालयों का कायाकल्प – ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 11,000 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के 1.32 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों का नवीनीकरण किया गया है। 2017 में जहां केवल 36 प्रतिशत स्कूल निर्धारित मानकों पर खरे उतरते थे, आज यह आंकड़ा 96 प्रतिशत से अधिक हो चुका है।

बेटियों की पढ़ाई को मिली नई उड़ान

746 केजीबीवी हुए इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत- बालिकाओं की शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को इंटर स्तर तक अपग्रेड किया है। इनमें से 683 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, ICT लैब, अतिरिक्त कक्ष व छात्रावास का निर्माण पूर्ण हो चुका है। साथ ही IIT गांधीनगर की मदद से ‘क्यूरियोसिटी प्रोग्राम’ की शुरुआत की गई है।

पाठ्यक्रम में गुणात्मक सुधार
NCERT पाठ्यक्रम का SCERT के माध्यम से क्रियान्वयन – पूरे प्रदेश में अब SCERT के जरिए NCERT आधारित पाठ्यक्रम लागू किया गया है। समय से पुस्तकें वितरित की जा रही हैं। इसके अलावा ‘लर्निंग बाय डूइंग’ के अंतर्गत 2274 विद्यालयों में 4 ट्रेड्स व 205 टूल्स से व्यावहारिक शिक्षा दी जा रही है।

गर्मी की छुट्टियों में भी सीखने का क्रम जारी

21 मई से 10 जून तक समर कैंप – विद्यार्थियों की रचनात्मकता और जीवन-कौशल को विकसित करने हेतु ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। शिक्षकों और शिक्षामित्रों को इसमें भागीदारी के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।

तकनीक और नवाचार की ओर बढ़ते कदम

निपुण भारत से निपुण प्लस तक – डिजिटल इंडिया की दिशा में सरकार ने ‘निपुण लक्ष्य ऐप’ और ‘निपुण प्लस ऐप’ जैसे नवाचारों की शुरुआत की है। कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए यह ऐप्स शिक्षण को रोचक व प्रभावी बना रहे हैं।

डीबीटी से बच्चों को सीधा लाभ

1 करोड़ से अधिक बच्चों को 1200 की राशि – डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से राज्य सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा विद्यार्थियों को 1200 की आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे वे यूनिफॉर्म, जूते-मोज़े, बैग और स्टेशनरी की आवश्यकताएँ पूरी कर सकें।

मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय योजना

447.80 करोड़ की लागत से शिलान्यास – नई योजना के तहत 66 मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालयों की नींव रखी गई है। इससे गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा को और अधिक मजबूती मिलेगी।

शिक्षक सशक्तीकरण और पारदर्शिता

6 लाख शिक्षकों का प्रशिक्षण, 12.25 लाख पारदर्शी भर्तियां- सरकार ने अब तक 6 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है और 12.25 लाख पारदर्शी तरीके से भर्तियां की हैं। 500 से अधिक शिक्षकों का ऑनलाइन ट्रांसफर हुआ है।

डिजिटल अवसंरचना में ऐतिहासिक निवेश

18,381 स्मार्ट क्लास, 880 ICT लैब, 2.6 लाख टैबलेट वितरित – शिक्षा में डिजिटल संसाधनों के विस्तार हेतु ये अभूतपूर्व पहलें अब ग्रामीण अंचलों तक पहुंच चुकी हैं।

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