यमुना क्षेत्र में बसे हुए दर्जनों गाँवो मे बढे बाढ़ का खतरे से ग्रामीणों में दहशत।
सिंचाई विभाग हरियाणा के अधिकारियों ने निरीक्षण करते हुए खतरे को किया खारिज।
(रिपोर्ट : विजय सैनी)
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E-Magzine Uttampukarnews June 2025 – उत्तम पुकार न्यूज़
Saharnpur news today । सहारनपुर जनपद में बेहट सर्किल के थाना मिर्जापुर की पुलिस चौकी हथनीकुण्ड बैराज की नाक के नीचे मात्र सौ मीटर की दूरी पर स्थित यमुना नदी के गेट वन के पास खनन माफियाओं द्वारा किए जा रहे अवैध खनन की वजह से यूपी साइड दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसके चलते क्षेत्र वासियों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है, जबकि स्थानीय पुलिस प्रशासन और सम्बंधित सिंचाई विभाग अभी भी बेखर है, लेकिन हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण करते हुए स्तिथि का जायजा लिया और बचाव कार्य शुरू कर बाढ़ के खतरें को खारिज कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि शिवालिक पहाड़ियों पर लगातार हो रही तेज मूसलाधार बारिश के चलते बेहट तहसील क्षेत्र की सीमा में स्थित हथनीकुंड पर जलस्तर धीरे धीरे बढ़ने लगा है! जिसके चलते हथनीकुण्ड बैराज पुल पर बने 01 नंबर गेट के सामने यूपी की सीमा मे बह रही बड़ी यमुना किनारे पर हरियाणा राज्य के सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी की तेज धार मे पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के साथ ही एक बड़ा गहरा गड्ढा बन गया है! जिससे यमुना किनारे बसे सैकड़ो गाँवो मे भारी बरसात के मौसम मे तेज मूसलाधार बारिश होने पर बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है! जबकि हथनीकुण्ड बैराज पुल के पास क्षतिग्रस्त हुई सुरक्षा दीवार पर हरियाणा राज्य के सिंचाई विभाग द्वारा सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए क्षतिग्रस्त हुई सुरक्षा दीवार के पास बने गहरे गड्ढे को यमुना से मिट्टी व पत्थरों से भरवाया जा रहा है!
जबकि स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हरियाणा राज्य के सिंचाई विभाग के द्वारा हरियाणा राज्य की सीमा मे बाढ़ से बचने के लिए यमुना किनारे एक ऊँची चट्टान बनाये जाने के कारण हथनीकुण्ड बैराज का बढ़ता जलस्तर यूपी की सीमा मे यमुना किनारे बनाई गई सुरक्षा दीवारों को भारी नुकसान पंहुचा रहा है!
उनका कहना है कि अगर समय रहते यमुना किनारे बनी सुरक्षा दीवारों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम नहीं कराएं गए तो आगामी बरसात के मौसम मे यमुना किनारे बसे सैकड़ो गाँवो मे बाढ़ आने की स्थिति पैदा हो सकती है।
यूपी की साइड के खिसके ब्लॉक पर सिंचाई विभाग हरियाणा ने शुरू कराया निर्माण कार्य!
हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारियो ने हथनीकुण्ड का निरिक्षण-बैराज को नहीं है कोई खतरा:-एस ई।

बैराज की सुरक्षा को लेकर बनाई गई डाउनस्ट्रीम वॉल में लगे यूपी की तरफ के कुछ ब्लॉक खिसक कर नीचे गिर गए। जिस जगह से बैराज के ब्लॉक खिसक कर नीचे गिरे हैं वह डाउनस्ट्रीम वॉल व ब्लॉक सन 1996 में हथनीकुंड बैराज पुल बनने के दौरान लगाए गए थे। हथनीकुंड बैराज को बने लगभग 29 साल बीत गए हैं। ऐसे में कंक्रीट के ब्लॉक खिसकना बड़ी बात नहीं है।
बता दें कि हथनीकुंड बैराज पर यूपी की साइड में यमुना का डाउनस्ट्रीम एरिया है जो गाइड बंद है उसमें कंक्रीट के ब्लॉक लगे हुए हैं। उसकी सुरक्षा के लिए नीचे टू वॉल बनाई हुई थी जो पुल बनने के दौरान की ही बनी हुई है पुरानी होने की वजह से उसे टू वॉल में यूपी की तरफ लगे कुछ ब्लॉक नीचे खिसक गए। विभाग के अनुसार सन् 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल द्वारा हथनीकुंड बैराज का निर्माण करवाया गया था। जिसका कार्य सन 1999 में पूर्ण हुआ था। उसी दौरान पुल के नीचे बनाई गई डाउनस्ट्रीम वॉल के नीचे लगे कुछ ब्लॉक खिसक गए।
25 से 29 साल का लंबा अरसा बीत जाने के बाद बैराज के नीचे बने ब्लॉक खिसक गए हैं।
सूचना मिलते ही एस ई सिंचाई विभाग आर एस मित्तल ने बैराज पर पहुंचकर मौका मुआयना कर पुल की सुरक्षा को लेकर अस्थाई तौर कंक्रीट का कार्य लगा दिया है। उन्होंने बताया कि जो एरिया क्षतिग्रस्त हुआ है वह यूपी की साइड है जहां पर अभी काम होना है। उन्होंने बताया कि हथिनीकुंड बैराज पर चल रहे 146 करोड रुपए के कार्य में पूरा बैराज शामिल है फिलहाल हरियाणा की तरफ एक साइड का कार्य पूरा किया गया है। अगला कार्य बरसात के सीजन की वजह से बंद करना पड़ा है। सीजन खत्म होने के बाद हरियाणा व यूपी दोनों तरफ डाया फ्रॉम वॉल बनाकर सारा कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। बारिश की वजह से यूपी की तरफ कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। बरसात का सीजन खत्म होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फिलहाल पानी भी ज्यादा नहीं है। क्षतिग्रस्त हुए एरिया का काम 24 घंटे के अंदर पूरा कर दिया जाएगा। जिस जगह पर ब्लॉक खिसके हैं उससे बैराज को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
एस ई सिंचाई विभाग आर एस मित्तल ने बताया कि जिस जगह से ब्लॉक खिसके हैं वह 1996 में बैराज ( पुल) के दौरान लगाए गए थे। उसके बाद से लेकर आज तक यहां किसी प्रकार का कोई कार्य करने की जरूरत नहीं पड़ी। अब 146 करोड रुपए की लागत से चल रहे कार्य में ही यह कार्य कवर कर दिया जाएगा।
