प्रदर्शन के दौरान नेपाली कस्टम बंद होने से माल वाहक गाड़िया थी रूकी
रिपोर्ट राहुल उपाध्याय / नबी अहमद
रुपईडीहा, बहराइच। नेपाल में हुए जेन-जेड के आंदोलन के कारण जगह जगह आगजनी व लूटपाट की घटनाए हुई। जिससे नेपाली कस्टमकर्मी भयभीत होकर भाग खड़े हुए थे। अभी भी भारत नेपाल का आयात निर्यात व जनजीवन सामान्य नही हो पाया है। 9 सितंबर को नेपाल जाने के लिए माल वाहक गाड़िया रुपईडीहा आईसीपी पर पहुंचे परन्तु प्रदर्शन के कारण नेपाल नही जा सके। इसी प्रकार जो 10, 11, 12 व 13 सितंबर को भी माल वाहक गाड़िया रूपईडीहा आईसीपी पर पहुंची सारी माल वाहक गाड़िया 13 सितंबर तक खड़े रहे। इसका कारण था कि नेपालगंज इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के सारे अधिकारी व कर्मचारी भयवश भाग खड़े हुए थे। कोई अधिकारी व कर्मचारी 13 सितंबर तक नेपाल आईसीपी पर लौटे ही नही थे। पता करने पर ज्ञात हुआ कि 14 सितंबर को इसका स्टाफ व क्लियरिंग एजेंट पहुंचे हैं अब नेपाली आईसीपी इन वाहनों को पास करेगी। तभी ये लोग गंतव्य स्थल तक जा पाएंगे। उक्त जानकारी देते हुए आईसीपी रुपईडीहा पर नियुक्त कस्टम हाउस एजेंट हसीब अहमद ने बताया कि 9 व 10 सितंबर को रुपईडीहा आईसीपी से पास होकर इसी के सामने निर्मित नेपालगंज आईसीपी पर चले गए थे परंतु जब नेपालगंज के कार्यालयों को जेन-जेड के उपद्रवियों द्वारा जलाने की जानकारी मिली तो एसएसबी, आईसीपी के मैनेजर सुधीर शर्मा के साथ मीटिंग की गई तो ज्वलनशील पदार्थ लादे, खाद्यान, कोयला आदि के वाहनों को हमने भारतीय आईसीपी में वापस ले लिया। जो 12 सितंबर तक नेपालगंज आईसीपी पर खड़े रहे। नेपालगंज की आईसीपी का निर्माण भी भारत सरकार की वित्तीय सहायता से हुआ है। इसलिए आंदोलन कारी यहां नही पहुंचे। हसीब ने यह भी बताया कि इन 3, 4 दिनों में भारत की ओर से नेपाल जाने वाले पेट्रोलियम पदार्थ, एयर ट्रैफिक फ्यूल, खाद्यान, कोयला, मशीनरी, पार्ट्स व फल सहित सब्जी आदि के मिलाकर लगभग 5 सौ वाहन नेपालगंज आईसीपी पर खड़े हैं। 14 सितंबर को इन्हें नेपालगंज आईसीपी क्लियर कर रही है। नेपाल के पर्वतीय छोटे बड़े एयरपोर्ट्स पर रुपईडीहा नेपालगंज होकर ही पेट्रोलियम पदार्थ व एटीएफ जाता है। इसलिए सुरक्षात्मक दृष्टि से इन ज्वलनशील पदार्थों को 12 सितंबर तक भेजा ही नही गया जिससे नेपाल के एयरपोर्ट्स पर एटीएफ का अभाव भी अखरने लगा। पड़ोसी नेपाली जिला बांके के हाई कोर्ट, जिला न्यायालय, जिला प्रशासन कार्यालय, भूलेख विभाग, नेपालगंज कस्टम कार्यालय, उप महानगर पालिका कार्यालय व जमुनहा थाना पूर्णरूपेण ध्वस्त होने के कारण अभी किसी प्रकार का कोई कार्य नही हो पा रहा है। इन कार्यालयों के प्रपत्र, एसी, कंप्यूटर, लैपटॉप, इंटरनेट सेवा भी जलकर खाक हो गयी। अभी पटरी पर आने मे विलंब ही होगा। रुपईडीहा से सटा नेपाली क्षेत्र का मिनी कस्टम कार्यालय भी ध्वस्त हो चुका है। पहले यहां बोरे दो बोरे सामान का नेपाली राजस्व वसूल लिया जाता था। अब कस्टम वसूली न हो पाने के कारण सिर्फ 5, 10 किलो ही चीनी, चावल, दाल जा पा रही है। नेपाल में ट्रेन नही है। इसलिए परिवहन की छोटी बड़ी कंपनियां ही अपनी निजी वाहन चलाती हैं। पर्वतीय क्षेत्रों से भी भारत की ओर रोजगार के लिए आने वाले नेपाली कामगार भी बस सेवा सुचारू न होने के कारण भारत नही आ पा रहे हैं। नेपाली चार पहिया व दो पहिया वाहन रुपईडीहा आ रहे हैं। परंतु नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स बार्डर पर ही भारतीय वाहनों को वापस कर दे रहे हैं। जबकि भारतीय सुरक्षा बल नेपाली वाहनों को बिना रोकटोक रुपईडीहा आने दे रहे हैं।