रेल संरक्षण आयुक्त ने किया नेपालगंज रोड रेलवे स्टेशन का निरीक्षण

राहुल उपाध्याय नबी अहमद

रुपईडीहा, बहराइच। शुक्रवार की दोपहर बाबागंज से नेपालगंज रोड रेलवे स्टेशन तक कमीशन आफ रेलवे सेफ्टी अपने सम्पूर्ण अधीनस्थों के साथ पुल पुलियों व रेल पटरियों का बारीकी से निरीक्षण किया। रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना के साथ गौरव अग्रवाल मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ, आर के चैधरी मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर, अभय कुमार गुप्त प्रसाशनिक अधिकारी ( निर्माण ) आदि दर्जनों विभागीय अधिकारी व कर्मचारी डीजल इंजन की ट्रेन से ये लोग आए। इन्होंने रेल पटरियों का बाबागंज से रुपईडीहा के बीच बारीकी से ट्रेन रोककर निरीक्षण किया।

नेपालगंज रोड से 1 सौ 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से रेल लाइन की उपादेयता का परीक्षण किया। उन्होंने सदलबल फुट ब्रिज पर चढ़कर इसकी भी गुणवत्ता परखी। रेलवे स्टेशन के टिकट घर, कंप्यूटर रूम, रिले रूम, सिग्नल रूम व प्लेटफार्म पर भी पैदल घूम कर बारीकी से निरीक्षण किया। वाटर सप्लाई व पानी की टंकी का भी निरीक्षण किया।

गांव के लोगों ने सौंपा ज्ञापन

नेपालगंज रोड के पूर्व स्थित गांव निबिया, मनवरिया, लहरपुरवा, सीतापुरवा, सहजना, नरैनापुर, लछमनपुर गुलालडीह, गोपालपुर, खरिहनिया, बंजरिया, तिगड़ा, तिगड़ी, अब्दुल्लागंज जंगल के उसपार, जमदान, हालिया, सागर गांव, संतलिया, गुलरिया, खड़ईचा, जानकी गांव मझगवां व अड़गोड़वा आदि दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने क्रासिंग न होने के कारण आवागमन के लिए एक क्रासिंग की मांग की। इस संबंध मे नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख जेपी सिंह व सहजना के प्रधान मेराज अहमद के नेतृत्व में लोगों ने ज्ञापन भी सीआरएस व मंडलायुक्त को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि गांव के बच्चे नित्य विद्यालय पैदल व साइकिल से आते जाते हैं। इस क्षेत्र के गरीब मकदूर सुबह जाते हैं व शाम को लौटते हैं। रास्ता न मिलने के कारण लगभग 10 हजार की आबादी पूरी तरह प्रभावित है। प्रार्थना पत्र में रेलवे स्टेशन के पास मार्ग देने की मांग भी की है।

इस रेल परियोजना से स्थानीय जनता को निम्नलिखित लाभ होंगे

क्षेत्र के लोग अब महानगरों तक आसानी से यात्रा कर सकेंगे। जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

ट्रांशिपमेंट से मुक्ति
आमान परिवर्तन के बाद यात्रियों को ट्रेन बदलने की असुविधा से छुटकारा मिलेगा।

आर्थिक विकास
स्थानीय कृषि उत्पादों को महानगरों तक पहुंचाना आसान होगा। जिससे किसानों और व्यापारियों को बेहतर बाजार उपलब्ध होगा।

पर्यावरणीय लाभ: विद्युतीकृत रेल लाइन से डीजल की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

बुनियादी ढांचे का विकास: इस खंड पर 1 बड़ा पुल, 10 छोटे पुल और 3 समपारों पर सीमित ऊंचाई के सब-वे का निर्माण किया गया है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी और सुरक्षा को और सुदृढ़ करेगा।

रेलवे की प्रतिबद्धता
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने कहा यह परियोजना तराई क्षेत्र के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगी। हम यात्री सुविधाओं और परिचालनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक प्रसन्न कात्यायन, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डॉ. शिल्पी कन्नौजिया, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर अश्विनी कुमार तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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