शरदकालीन गन्ना के साथ सहफसल जरूर लगाए

राहुल उपाध्याय सिराज अली कादरी

कैसरगंज,बहराइच। क्रय केन्द्र साई गांव में शरद कालीन गन्ना बुवाई हेतु बृहद किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न ग्रामों के किसान उपस्थित थे। गन्ना किसान संस्थान रज्जनपुर के पूर्व सहायक निदेशक व पारले चीनी मिल के उप मुख्य प्रबंधक वहाजुद्दीन अहमद ने किसानो को संबोधित किया। सहायक निदेशक ने किसानो को नयी गन्ना प्रजातियों के बारे में बहुत विस्तार से जानकारी दी। ऊपरी क्षेत्र में 14201, 13235, 0118, 16202 बोने की सलाह दी। इसी वार्ता के क्रम में ट्रैच विधि द्वारा 4 फिट की दूरी रखकर ही बुवाई करें। इससे पैदावार 20 प्रतिशत तक अधिक होगा। वहाजुद्दीन अहमद ने बताया कि जुताई के समय 5 बोरी प्रति एकड़ की दर से पारले गोल्ड जैविक खाद खेत में डालकर मिला दें। स्वस्थ प्लाट से गन्ना बीज लें तथा उसका शोधन हेक्जास्टाप से तथा भूमि का उपचार ट्राइकोडर्मा करें। 10 किग्रा0 ट्राइकोडर्मा प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें। ट्राइकोडर्मा के बारे में बताया कि यह फंफूदनाशक के साथ ही साथ डीकम्पोजर का भी काम करता है। गन्ने में संतुलित उर्वरक ही डालें। प्रति एकड़ 75 किग्रा एन0पी0 के0 150 किग्रा पारले आर्गेनिक पोटाश, 10 किग्रा गन्ना स्पेशल व 10 किग्रा जिंक फास्फेट का मिश्रण बनाकर पहले नाली में डालकर फिर गन्ने की बुवाई करें तथा एक से डेढ़ इंच ऊपर से मिट्टी डालकर पैड़ो को ढक दें भूलकर भी पाटा न लगाए। सहफसल के रूप में गन्ने के साथ सरसों, लाही मसूर आलू व शब्जिया लगाकार अपने गन्ने की लागत को आधी कर सकते हैं। यह समय शरद कालीन बुवाई हेतु अनुकूल है। किसान भाई अधिक से अधिक क्षेत्रफल में शरद कालीन गन्ना की बुवाई करें। नया समिति सदस्य बनने की अन्तिम तिथि 30 सितम्बर है। यदि किसी किसान को नया समिति सदस्य बनना है तो 30 सितम्बर से पहले सदस्यता शुल्क जमा कर रसीद प्राप्त करें।

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