रिपोर्ट बबलू सेंगर
Jalaun news today । जालौन नगर के जोशियाना स्थित लल्ला तिवारी के आवास पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में पांचवें दिन भागवताचार्य सुखनंदन मयूर ने श्रीकृष्ण बाल लीला और गोवर्धन पूजा का वर्णन श्रद्धाभाव के साथ किया।
भागवताचार्य सुखनंदन मयूर ने श्रीकृष्ण के बचपन की मनमोहक लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि नंदघर में भगवान का बाल रूप स्वयं आनंद, प्रेम और अलौकिक चमत्कारों का केंद्र था। उन्होंने पूतना वध, शकटासुर संहार, त्रिणावर्त लीला और माखन चोरी के प्रसंग सुनाए, जिन्हें सुनकर उपस्थित श्रोतागण आनंद से झूम उठे। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि यह संदेश देती हैं कि ईश्वर अपने भक्तों के लिए सदैव संरक्षक और संकटमोचक के रूप में उपस्थित रहते हैं। गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि इंद्र देव के अभिमान को दूर करने और ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर संदेश दिया कि प्रकृति और गौ-सेवा का आदर करना ईश्वर की सच्ची उपासना है। इस मौके पर पारीक्षित कुसुमलता, उदयनारायण, आरती मिश्रा, रोहित मिश्रा, शिवांश मिश्रा, राघव तिवारी, सत्यम तिवारी, ज्योति तिवारी, पंकज, ईशान, लव, धैर्य, राघव, कान्हा आदि मौजूद रहे।







