712 दिनों में 21 हजार किमी की पैदल यात्रा के बाद भानू शुरू करेंगे यहाँ से फिर यात्रा का शुभारंभ, सीएम योगी से की यह मांग

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । अखंड संपूर्ण भारत के लिए अकेले पैदल तीर्थयात्रा पर निकले नगर के मोहल्ला मुरलीमनोहर निवासी भानु महाजन को 712 दिनों में पैदल ही 21 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली है। अब वह आगे की यात्रा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यात्रा में विशेष सहूलत दिलाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी आगे की यात्रा का नाम ‘योगी-मोदी यात्रा’ होगा।
वर्ष 2022 में रक्षाबंधन से दो दिन पूर्व नगर के मोहल्ला मुरली मनोहर निवासी भानु महाजन ने तीर्थयात्रा शुरू की थी। अब तक पैदल यात्रा कर वह हिंदू धर्म के चारों धाम, 12 ज्योतिर्लिंग व 41 शक्तिपीठों के दर्शन कर चुके हैं। उनके दर्शन के लिए अब सिर्फ 10 शक्तिपीठ शेष हैं, जो सभी भारत की भौगोलिक सीमा से बाहर पाकिस्तान, तिब्बत, बांग्लादेश और श्रीलंका में स्थित हैं, जिसके लिए उन्हें सीमा पार करनी होगी। भानु महाजन ने दूरभाष पर बताया कि भारत सरकार के राजनयिक प्रयास से ही उन्हें पैदल सीमा पार करने की अनुमति मिल सकती है। वह इसके लिए मुख्यमंत्री की संस्तुति चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और स्वयं भी उनसे मिलकर निवेदन करना चाहते हैं। यदि उन्हें पैदल सीमा पार करने की अनुमति मिली तो उनकी आगे की यात्रा का नाम ‘योगी-मोदी यात्रा’ होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि ‘हिंदू हृदय सम्राट’ मोदीजी और योगीजी के शासन में उनकी आस्था का मान रखा जाएगा। भानु महाजन की यात्रा में जिन दस शक्तिपीठों के दर्शन शेष हैं, उनमें पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत स्थित हिंगलाज माता और तिब्बत में मानसरोवर झील के नीचे दक्षायनी शक्तिपीठ (मानसा देवी मंदिर) भी शामिल हैं। इसके अलावा बांग्लादेश में सात शक्तिपीठ हैं अपर्णा, ढाकेश्वरी, सुगंधा, जैंतिया, महालक्ष्मी, जेसोरेश्वरी और चट्टल शक्तिपीठ। श्रीलंका के त्रिमकोमाली में शंकरी देवी शक्तिपीठ है। इस तरह भानु महाजन को इन दस शक्तिपीठों के दर्शन और करने हैं। इनमें पाकिस्तान, तिब्बत और बांग्लादेश की सीमा उन्हे पार करनी होगी, जबकि श्रीलंका वह पानी के जहाज से जाएंगे और जहाज से उतरकर पैदल शंकरी देवी पीठ जाएंगे और पैदल ही लौटकर जहाज तक आएंगे। भानु महाजन ने बताया कि दस शक्तिपीठों के बाद वह अमरनाथ की यात्रा करेंगे और फिर बिहार के गया में यात्रा का समापन करेंगे। उनकी कुल यात्रा लगभग 51 हजार किलोमीटर की रहेगी, जिनमें से 21 हजार किमी से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं। उनका लक्ष्य पांच वर्ष में यात्रा पूरी करने का था। यदि उन्हें जल्द अनुमति मिल गई तो आगामी डेढ़ वर्ष में ही यात्रा पूरी कर लेंगे। उनका कहना है कि वह यात्रा पूरी करके ही अपने घर लौंटेंगे।

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