वर्ल्ड टीचर्स डे पर राजधानी नई दिल्ली में हुईं सम्मानित
रिपोर्ट राहुल उपाध्याय
बहराइच। कहते हैं शिक्षक समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और ये बात सच भी है। प्रदेश के आकांक्षी जिले बहराइच के कई शिक्षकों ने अपने प्रयासों से ऐसी नज़ीर पेश की है जो समाज मे मिसाल बन गयी है। हाल ही में जिले के सरकारी स्कूल की ऐसी ही एक शिक्षिका को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने प्रयासों से विद्यालय का भौतिक व शैक्षिक कायाकल्प कर दिया।आकांक्षी जिले के जरवल ब्लॉक में भौली ग्रामसभा में स्थित पीएमश्री उच्च प्राथमिक विद्यालय भौली की शिक्षिका अर्चना पांडेय को राजधानी नई दिल्ली में देश के प्रतिष्ठित प्री प्राइमरी प्लेस्कूल फ्रेंचाइज़ी ब्रांड की ओर से ‘टीचर आइकॉन-2025 सम्मान से पुरस्कृत किया गया। यह सम्मान उन्हें विद्यालय में किये जा रहे विशेष प्रयासों के उपलक्ष्य में प्रदान किया गया। गौरतलब है शिक्षिका द्वारा स्कूल में रोल प्ले द्वारा पाठ को बखूबी पढ़ाने, स्कूल में डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर लैब के सक्रिय संचालन, शैक्षिक वीडियो कंटेंट, एनीमेटेड वीडियो क्विज आदि के द्वारा छात्रों की दैनिक उपस्थिति में वृद्धि, छात्रों के विभिन्न प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय प्रदर्शन, हाईजीन अवेयरनेस हेतु मिस्टर एंड मिस क्लीन, गौरैया संरक्षण मुहिम व शून्य निवेश नवाचारों आदि द्वारा स्कूल के शैक्षिक स्तर को समृद्ध बनाने हेतु सार्थक प्रयास किये गये हैं। नेशनल प्लेस्कूल फ्रेंचाइज़ी ब्रांड बचपन तथा एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल के दिल्ली सराय रोहिल्ला स्थित कॉरपोरेट ऑफिस में आयोजित समारोह में कम्पनी के सीओओ तिजय गुप्ता ने शिक्षिका अर्चना पाण्डेय को सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह प्रदान किया। इस दौरान श्री गुप्ता ने शिक्षिका की इनोवेटिव टीचिंग स्किल का लाभ विभिन्न राज्यों में संचालित शैक्षिक संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर लेने की बात कही। इस मौके पर शिक्षिका के पति लोकेश श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
पुरस्कार मेरा नही, बल्कि स्कूल के सभी छात्र-छात्राओं का है
शिक्षिका अर्चना ने कहा कि ये उपलब्धि मेरी नही बल्कि मेरे स्कूल के हर छात्र की है। अर्चना ने बताया वो क्लास में बच्चों के साथ बच्चा बन के पढ़ाती हैं। उनका कहना है कि जब हम बच्चों को दोस्त जैसे लगेंगे, तब वो ज्यादा अच्छे से पढ़ सकेंगे और वो अपने स्टूडेंटस के साथ ऐसा ही करती हैं। बच्चे जब आपसे पूरा संवाद करेंगे, तभी वे कक्षा में बिना तनाव मजे से सीख पायेंगे। क्लास में पढ़ाई के दौरान जब छात्र छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान होती है तब जाकर सुकून मिलता है। हालांकि आज का दौर डिजिटल शिक्षा का दौर है। इसलिए शिक्षकों की चुनौती बहुत बढ गयी है। हमें हर रोज के लिये खुद को अपडेट रखना पड़ेगा। खुशी है, कि मेरे जुनून को हर स्तर पर सहयोग मिला है। विद्यालय में मेरे सहयोगी शिक्षक, बच्चों के अभिभावक, विभाग के मुखिया जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बहराइच ने हमेशा प्रोत्साहन दिया।

