बुलंदशहर महिला अधीक्षक की तानाशाही के आगे मायूस हुए अधिकारी!DIG ने कहा कराई जाएगी जांच

अवैध वसूली और अनियमिताओं की तमाम शिकायतों के बाद भी शासन की चुप्पी

रिपोर्ट राकेश यादव

लखनऊ। अवैध वसूली और अनियमिताओं को सुर्खियों में रहने वाली बुलंदशहर जेल की महिला जेल अधीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मामला विभागीय अधिकारियों और कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि विभागीय मंत्री का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से प्रमुख सचिव कारागार जेल अधीक्षक पर कार्रवाई करने से कतरा रहे है। कार्रवाई नहीं होने से बेखौफ हुई अधीक्षक ने जेल में बंदियों के साथ ही साथ अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों का उत्पीड़न करना शुरू कर दिया है। आलम यह हो गया है कि हेड वार्डर और वार्डर को अवकाश स्वीकृत कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यही नहीं अधीक्षक मातहत अधिकारियों के पूल (हिस्सेदारी) की धनराशि तक को हजम कर जा रही है। इससे कर्मियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। मजे की बात यह है कि प्रदेश के कारागार मंत्री, जिला प्रशासन एवं परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को जेल निरीक्षण के दौरान यह भ्रष्टाचार दिखाई ही नहीं पड़ता है।

विभागीय जानकारों के मुताबिक विभागीय मंत्री और शासन में सेटिंग गेटिंग कर मैनपुरी जेल अधीक्षक ने अपना तबादला बुलंदशहर जेल पर कराया है। सूत्रों का कहना है इस जेल अधीक्षक का कार्यकाल पूरा होने की वजह से विभाग के कई दिग्गज जेल अधीक्षकों की निगाहे बुलंदशहर जेल पर गड़ी हुई थी। इस दिग्गजों को धनबल और ऊंची पहुंच से मात देकर बुलंदशहर जेल पहुंची नई जेल अधीक्षक ने जेल में बंदियों को दिये जाने वाले राशन में बेतहाशा कटौती शुरू कर दी है। कटौती के राशन की खपत जेल में चल हूं रही कैंटीन में बनने वाली खाद्य सामग्री छोला चावल, छोला भटूरा, ब्रेड पकौड़ा, समोसा, पूड़ी सब्जी, अंडा करी इत्यादि में की जा रही है। कैंटीन में अधिकारी और सुरक्षाकर्मी अनाप शनाप दामों पर खाद्य वस्तुएं बेंचकर अपनी जेब भरने में जुटे हुए हैं।

सूत्रों का कहना है कि बुलंदशहर जेल में प्रभार संभालते ही नई महिला जेल अधीक्षक ने हाता, मशक्कत, कैंटीन, गिनती कटवाने और मुलाकात के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर हर मद में वसूली को बढ़ा दिया। पूर्व में गिनती कटवाने के लिया 4 से 5 हजार रुपए लिए जाते थे उसको बढ़ाकर 10 से 15 और 20 से 25 हजार तक कर दिया गया है। यही नहीं अवैध वसूली के बंदियों के लिए बनाए गए हेयर सैलून को मसाज पार्लर में तब्दील कर दिया गया है। बंदियों की मसाज करवाकर जमकर वसूली की जा रही है। मोटी रकम देकर मैनपुरी से बुलंदशहर जेल पहुंची महिला अधीक्षक मातहत अधिकारियों की हिस्सेदारी तक को हजम कर ले रही है। इससे मातहतों में खासा आक्रोश व्याप्त है। जेल में अवैध वसूली और अनियमिताओं की तमाम शिकायतों के बाद भी अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अवकाश के लिए घंटों इंतजार करने को विवश सुरक्षाकर्मी

बुलंदशहर जेल की नवनियुक्त अधीक्षक ने तबादले के लिए दी गई मोटी रकम वापसी के लिए समस्त प्रभार अपने पास रख रखे हैं। जेलों में सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी और अवकाश देने के जिम्मेदारी जेलर की होती है। वर्तमान समय में यह जिम्मेदारी जेल अधीक्षक ने खुद संभाल रखी है। आलम यह है कि जेल सुरक्षाकर्मियों को अवकाश लेने के अधीक्षक से मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यही नहीं जेल अधीक्षक हेड वार्डर और वार्डर की ड्यूटी तक खुद लगा रही हैं। वसूली कर देने वाले हेड वार्डर और वार्डर को कमाऊ जगहों पर लगा रखा गया है। परिक्षेत्र के डीआईजी और जिला प्रशासन के अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान जेल का यह भ्रष्टाचार दिखाई ही नहीं पड़ रहा है। इस संबंध में जब प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। परिक्षेत्र के डीआईजी सुभाष शाक्य ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी।