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अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाने का मामला : सीएमओ ने गठित की जांच टीम,,ACMO मौके पर पहुंचे करने जांच,,लटका मिला ताला,,

Jalaun news today । जालौन क्षेत्र में प्रसव पीड़ा से परेशान महिला गुरुवार की रात नगर में स्थित प्राइवेट चिकित्सालय पहुंची थी। शुक्रवार की सुबह महिला व उसके बच्चे की मौत हो गई थी। पीड़िता के पति ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही से पत्नी व गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत का आरोप लगाया था। इस मामले में एसीएमओ शनिवार को प्राइवेट चिकित्सालय पहुंचे जहां उन्हें अस्पताल बंद मिला। अस्पताल के बैनर पर लिखे नंबर पर संपर्क कर तीन दिन में अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश एसीएमओ ने दिए। अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई की भी बात कही।
कोतवाली क्षेत्र के अलाईपुरा कृष्ण कुमार अपनी 26 वर्षीय गर्भवती पत्नी पूजा कुशवाहा को प्रसव पीड़ा के दौरान जालौन लेकर आया। मध्य रात्रि के बाद पत्नी प्रसव पीड़ा से कराह रही थी तो वह सरकारी अस्पताल की जगह वह सब्जी मंडी पर संचालित प्राइवेट विनायक चिकित्सालय पहुंच गया। कृष्ण कुमार लगभग डेढ़ बजे चिकित्सालय पहुंचे तो चिकित्सालय में महिला चिकित्सक न होने पर उन्हें उरई जाने की सलाह दी। किन्तु रात ज्यादा होने पर पति ने उसे बाहर नहीं ले गये। शुक्रवार की सुबह गर्भवती महिला पूजा व उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी। जच्चा बच्चा की मौत के बाद पति ने स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सालय पर लापरवाही करने का आरोप लगाया था। वहीं, अस्पताल के संचालक डां रजत ने बताया कि गुरुवार की रात को एक व्यक्ति अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा के दौरान लाया था। चिकित्सालय में महिला चिकित्सक न होने पर उन्हें भर्ती नहीं किया गया है तथा सुबह पति अपनी पत्नी को लेकर उरई चला गया था। इस मामले की जानकारी होने पर सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा के निर्देश पर शनिवार को एसीएमओ अरविंद भूषण समेत सीएचसी प्रभारी डॉ. केडी गुप्ता टीम के साथ सब्जी मंडी स्थित अस्पताल पहुंचे। जहां टीम को अस्पताल के गेट पर ताला पड़ा हुआ मिला। गेट पर ताला मिलने पर टीम ने दीवार पर लिखे नंबरों से संपर्क किया। जिसमेे दो नंबर तो बंद मिले जबकि एक नंबर पर जिस व्यक्ति से बात हुई टीम ने उसे निर्देश दिए कि वह तीन दिन में अस्पताल के रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर एवं अन्य दस्तावेज तीन दिन के अंदर प्रस्तुत करें। अन्यथा की स्थिति में अस्पताल एवं संचालकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में एसीएमओ ने बताया कि टीम अस्पताल में जांच के लिए आई थी। लेकिन अस्पताल में ताला पड़ा होने से जांच पूरी नहीं हो सकी है। मोबाइल पर बात कर तीन दिन का समय दिया गया है। यदि विधि विरूद्ध अस्पताल का संचालन हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।

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