UP news today । उत्तर प्रदेश का अति प्रतिष्ठित पीजीआई अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही ने भाजपा के एक पूर्व सांसद के बेटे की सांसें छीन ली। यह खबर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो शासन ने कार्य मे लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक की सेवा समाप्त करते हुए पूरे मामले पर उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं। इस सम्बंध में प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इस सम्बंध में निदेशक पीजीआई को चेतावनी भी दी गयी है।
यह है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी के बाँदा के रहने वाले भैरों प्रसाद मिश्र वर्ष 2014 से 2019 तक भाजपा के सांसद रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनके बेटे प्रकाश मिश्रा की किडनी में इंफेक्शन होने की बजह से पीजीआई में इलाज चल रहा था।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते कल भाजपा सांसद अपने बेटे प्रकाश की तबियत बिगड़ने पर उसे लखनऊ के पीजीआई अस्पताल लाये थे । आरोप है कि यहाँ मौजूद डॉक्टरों ने बेड खाली न होने की बात कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद करीब डेढ़ घंटे तक डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्हें बेटे लिए बेड नहीं मिल सका। इसी बीच प्रकाश की सांसें उखड़ गईं।
लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक कार्यमुक्त,, उच्चस्तरीय जांच के आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदेश सरकार ने मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए संबंधित डॉक्टर को कार्यमुक्त कर दिया गया है। घटना को लेकर पीजीआई निदेशक को चेतावनी भी दी गई है।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक कही यह बात
पीजीआई अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई पूर्व सांसद के बेटे की मौत के मामले के संबंध में प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी की पीजीआई लखनऊ में पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा के सुपुत्र के दुखद निधन के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं प्रथम और प्रथमदृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित चिकित्सक को संस्थान से कार्यमुक्त मुक्त किया जा रहा है भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस संबंध में निदेशक पीजीआई को चेतावनी भी दी गई है।