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सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैनेट यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह को किया संबोधित,,कही यह बात

CM Yogi Adityanath addressed the 5th convocation of Bennett University, said this

विकसित भारत के लिए इंस्टीट्यूशन्स को इंडस्ट्री से जोड़ना होगा : योगी आदित्यनाथ

Greater Noida news today । देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए हमें अपने इंस्टीट्यूशन्स को इंडस्ट्री के साथ जोड़ना ही होगा। अगले 25 साल के लिए हमें अपना लक्ष्य तय करना होगा। जब देश की 142 करोड़ की आबादी एक स्वर से आगे बढ़ने के संकल्प के साथ उठ खड़ी होगी तो कोई कारण नहीं कि हमारा देश विकसित भारत न बने। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां ग्रेटर नोएडा स्थित बैनेट यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह के दौरान कही।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया। सीएम योगी का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति ने अंगवस्त्रम पहनाकर किया। इस अवसर पर बीटेक छात्र ने मुख्यमंत्री को श्रीराम दरबार का चित्र भेंट किया।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह प्राचीन भारत के विश्वविद्यालय और गुरुकुलों के समावर्तन समारोह का परिवर्तित रूप है। प्राचीन भारत के विश्वविद्यालय पूरी दुनिया के स्नातकों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट के बेहतरीन केंद्र थे। मुख्यमंत्री ने तैतरीय उपनिषद के श्लोक ‘सत्यं वद धर्मं चर स्वाध्यायान्मा प्रमदः’ की चर्चा करते हुए कहा कि सत्य बोलना, धर्म का आचरण करना, स्वाध्याय में आलस न करना, सत्य के मार्ग से न हटना, धर्म के मार्ग से न हटना, कुशल कार्य में किसी के भी आलस से बचना, महान बनने के अवसर से न चूकना, पठन पाठन के कर्तव्य से आलस न करना, देव और पितरों के प्रति कर्तव्य से आलस्य न करना, माता, पिता, गुरुजनों और अतिथि को देवता की तरह सम्मान देना, यह हर स्नातक से भारत की अपेक्षा रहती थी। जब हम इस संस्कार के साथ डिग्री देते थे तो भारत दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में स्थापित था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सामान्य जीवन में जिसे हम धर्म कहते हैं वो वास्तव में धर्म नहीं है, यह मात्र उसका एक भाग हो सकता है। उपासना विधि को धर्म नहीं मान सकते। ये व्यक्तिगत कार्य है। धर्म एक व्यापक अवधारणा है, जो हमें कर्तव्यों, नैतिक मूल्यों के साथ सदाचार के मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है। जब जब भारत के युवाओं ने इस मार्ग का अनुसरण किया तब भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनने में देर नहीं लगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के पंच प्रण की चर्चा करते हुए कहा कि ये हर भारतवासी का संकल्प बनना चाहिए, फिर चाहे वो जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहा हो। यह तभी हो पाएगा जब हम सबके सामने देश के लिए नेशन फर्स्ट का विजन हो। हमारा हर काम देश के नाम होना चाहिए। मेरा व्यक्तिगत, मेरा परिवार की भावना को देश के बाद रखना होगा।

मुख्यमंत्री ने बैनेट यूनिवर्सिटी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इसने अपने मात्र सात साल के कार्यकाल में बहुत सी उपलब्धियों को प्राप्त किया है। यह एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनने की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि शिक्षण संस्थाओं को अपनी लोकैलिटी के लिए जरूर प्रयास करना चाहिए। साथ ही भारत को विकसित भारत के रूप में स्थापित करना है तो इंस्टिट्यूशंस को इंडस्ट्री से जोड़ना होगा। उन्होंने बैनेट विश्वविद्यालय की इस बात के लिए तारीफ की कि इसके साथ 20 से अधिक इंड्स्ट्री के सीईओ जुड़े हैं, जो यहां के छात्रों को मार्गदशन दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान इंसेफेलाइटिस और कोरोना महामारी के दौरान स्पष्ट विजन, टीम वर्क और अनुभव के महत्व की चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक युवा हमारे देश में हैं और देश में भी सबसे अधिक युवा हमारे प्रदेश में है। हमें अपनी इस ताकत के साथ आगे बढ़ना होगा। सीएम योगी ने कहा कि जीवन में सफलता का मार्ग परिश्रम और पुरुषार्थ से ही प्राप्त होता है। लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग शॉर्टकट से प्राप्त नहीं हो सकता। उन्होंने विश्वविद्यालय को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार का सहयोग उन्हें सदैव प्राप्त होगा।

इस अवसर पर बैनेट विश्वविद्यालय के कुलाधिपति विनीत जैन, प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यमंत्री ब्रजेश सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजीत अब्राहम, निखिल कामत सहित फैकल्टी मेंबर और बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं और उनके परिजन मौजूद रहे।

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