दिल्ली में गूंजा बुंदेलखंड राज्य का स्वर,प्रवासी बुंदेलखंडियों की संगोष्ठी में उठी मांग – यूपी-एमपी तोड़ो, बुंदेलखंड जोड़ो

बुंदेलखंड की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं, पहचान और अस्मिता बचाना ही लक्ष्य

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Alag Bundelkhand mang। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मयूर विहार में रविवार को प्रवासी बुंदेलखंडियों की संगोष्ठी आयोजित हुई। इस संगोष्ठी में बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग जोर-शोर से उठी। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि विकास चाहिए तो अलग बुंदेलखंड राज्य का निर्माण ही एकमात्र रास्ता है।


बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बुंदेला ने कहा, “दिल्ली में रहकर भी प्रवासी बुंदेलखंडियों का दिल अपनी माटी से जुड़ा हुआ है। जब तक अलग बुंदेलखंड राज्य का निर्माण नहीं होगा, तब तक यहां की पीढ़ियां बेरोजगारी और पिछड़ेपन की बेड़ियों से आज़ाद नहीं हो सकतीं।
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय बुंदेलखंडी ने संगोष्ठी के मंच से जोरदार घोषणा की यूपी-एमपी तोड़ दो, बुंदेलखंड जोड़ दो।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बुंदेलखंड की पहचान, संस्कृति और अस्मिता को बचाने के लिए निर्णायक आंदोलन छेड़ा जाए।

कार्यक्रम में नवोदित मेहरा, दीपक शर्मा, विनय खरे, डी.के. गौतम, प्रदीप सोनी, राहुल बाली, महेंद्र यादव, निमिष दीक्षित और शिवम समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि दिल्ली में रहकर भी वे अपने क्षेत्र की पीड़ा को भूल नहीं सकते। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित बुंदेलखंड अब निर्णायक आंदोलन की ओर बढ़ चुका है।

संगोष्ठी के अंत में राष्ट्रीय प्रवक्ता ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि यह आयोजन प्रवासी बुंदेलखंडियों की एकजुटता का प्रतीक है। यह संदेश पूरे देश तक जाएगा कि
“अब बुंदेलखंड अपनी तक़दीर खुद लिखेगा।”

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