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जालौन के इन गांव में उठी गौशाला खुलवाने की मांग,,यह बताई बजह

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन विकास खंड के ग्राम पंचायत कैंथ व गिधौसा में गोशाला नहीं है। दोनों ग्राम पंचायतों में गोशाला न होने के कारण अन्ना गोवंश खेत में बोई गयी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। किसानों ने डीएम से दोनों ग्राम पंचायतों में किसी एक पंचायत में अस्थाई गोशाला चालू करवाने की मांग की है।
ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम गिधौसा व कैंथ में अन्ना गोवंशों के आश्रय स्थल नहीं बने हैं। दोनों गांवों में गो आश्रय स्थल न होने के कारण अन्ना जानवर दोनों गांवों में घूमते रहते। अन्ना जानवरों से परेशान किसान अन्ना जानवरों को ग्राम धनौरा में संचालित गोशाला में भेजते हैं। वहां भी ज्यादा जानवर होने पर दिक्कत होती है। जिससे वहां के संचालक जानवर लाने से मना करने लगते हैं। किसान भुलई गुर्जर, अरुण श्रीवास्तव, विकास भारती, रवींद्र कुमार, राजेंद्र प्रसाद, महेंद्र कुमार, राधेश्याम, श्यामाचरण, नीरज तिवारी, अवध किशोर, रामराज, अनिल, राजहू, सुनील, नरेश आदि ने बताया कि ग्राम पंचायत कैंथ व गिधौसा दोनों ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशाला नहीं खोली गई है। गोशाला न होने से गांव में अन्ना पशुओं की भरमार है। कुछ पशुपालक भी अपने पशुओं को अन्ना छोड़ देते हैं। पशु खेतों में घुसकर फसलों को रौंदकर और चरकर बर्बाद कर रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक क्षति पहुंच रही है। फसल ही किसानों की आय का एकमात्र साधन है। यदि वह भी बर्बाद हो जाएगी तो फिर किसानों के सामने परिवार के भरण पोषण की समस्या हो जाएगी। अन्ना पशुओं से खेतों की रखवाली के लिए किसानों को रात रातभर जागना पड़ता है। इसके बाद भी वह अपनी फसल सुरक्षित नहीं रख पाते है। पीड़ित किसानों ने अन्ना पशुओं की समस्या के समाधान के लिए गांव में ही गोशाला खुलवाने अथवा गांव में मौजूद अन्ना पशुओं को किसी अन्य गोशाला में पहुंचाने की मांग डीएम से की है।

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