बाढ़ प्रभावितों को मिली फौरी राहत, लेकिन मुश्किलें कम नहीं हुई
(ब्यूरो रिपोर्ट )
उरई (जालौन)। उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद में शनिवार की देर शाम से यमुना नदी में बाढ़ का पानी कुछ कम हुआ जिससे बाढ़ प्रभावित लगभग 80 गांवों के ग्रामीणों को फौरी राहत जरूर मिली है लेकिन रविवार को भी यमुना नदी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही थी। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम होगा तो बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़नी शुरू हो जायेगी। क्योंकि बाढ़ के पानी से दो दजर्न से अधिक गांव ऐसे हैं जहां अधिकांश घर पानी से जलमग्न हो गये थे ऐसी स्थिति में बाढ़ प्रभावितों को अपना पेट भरने की समस्या से सामना करना पड़ेगा। बाढ़ प्रभावितों की विकराल होती समस्याओं को देखते हुये अब जिला प्रशासन पीड़ितों तक खाद्यान्न सामग्री का वितरण युद्ध स्तर पर कराने की योजना को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। तो वहीं कई गांव ऐसे भी है जहां के बाढ़ पीड़ितों तक खाद्यान्न व लंच पैकिटों का वितरण भी कराया जा रहा है। इस कायर् को अंजाम तक पहुंचाने के लिये ग्राम प्रधानों के साथ-साथ क्षेत्रीय लेखपालों को भी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी वोटों में राहत सामग्री लेकर प्रभावित गांवों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है अनेकों गांवों तक एनडीआरएफ की टीमों ने पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों तक खाद्यान्न पैकिटों को पहुंचाने का अभियान युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है।