बुंदेलखंड की प्राचीन लोक कला को जीवंत देख युवाओं में दिखा उत्साह
Orai / Jalaun news today । जालौन जनपद में डकोर क्षेत्र के जैसारी कला गांव में दो दिवसीय जिला स्तरीय दिवाली नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन प्रेम बाबा मंदिर के स्थान पर किया गया। जिसमें क्षेत्र की जैसारी कला, कोटरा, करथरा, डकोर, मंगरौठ, धुरट आदि गांव की टीमों ने प्रतिभाग किया दिवाली नृत्य प्रतियोगिता का शुभारम्भ समाजसेवी गुड्डू पाल ने फीता काट कर किया। प्रतियोगिता में जैसारी कला और कोटरा की दो टीमों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता के प्रथम दिन बुधवार को सबसे पहले कोटरा टीम कप्तान कल्लू पाल की टीम ने दिवारी नृत्य का प्रदर्शन किया। जिसमें लाठियों का मिलान इतनी सफाई से किया गया कि लोग इस कला को देख आश्चयर् चकित हो गए। इसके बाद जैसारी कला की दूसरी टीम से रोहित सहयोगी खिलाडियों द्वारा गिल्ला मिलान एवं पिरामिड बनाने की कला देख दशर्कों ने खूब तालियां बजाईं और टीमों का उत्साह बढ़ाया। उसी बीच छोटे-छोटे बच्चों ने दिवाली नृत्य की कला का प्रदर किया। उद्घाटनकर्ता गुड्डू पाल ने कहा कि आज के दौर में युवा पीढ़ी इस परंपरा को भूलती जा रही है। पर्वो के उपलक्ष्य में ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए जिससे युवा पीढ़ी में पुरानी परंपराओं का उत्साह बढ़े। बुंदेलखंड में दिवाली नृत्य खेल का बड़ा महत्व रहा है। इस खेल से ग्रामीणों का भरपूर मनोरंजन होता था। प्रतियोगिता में दीवारी नृत्य टीमों के बीच रेफरी की भूमिका महेंद्र राजपूत ने निभाई। कंमेन्ट्री मंच मुकेश राजपूत ने संभाला। इस दौरान अध्यक्ष महेंद्र भगत जी, नेत्रपाल राजपूत, यज्ञदत्त, करन, मनोज, नरेंद्र के साथ सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।









