सभी विद्यालय अपने यहां एक-एक ट्रैफिक नोडल नामित करते हुए कराए ट्रैफिक कंट्रोल रूम की स्थापना,,समस्त विद्यालय अपने सभी वाहनों को परिसर के भीतर कराए पार्क
(रिपोर्ट संजय सिंह)
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में विद्यालयों के खुलने व छुट्टी होने के समय सड़कों पर लगने वाले जाम की समस्या के निराकरण को लेकर ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने कलेक्ट्रेट में विद्यालयों के ट्रैफिक नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक से पूर्व ज़िलाधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा समस्त विद्यालयों को निर्देश दिए गए थे कि ट्रैफिक व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए मास्टर प्लान उपलब्ध कराते हुए उसका अनुपालन कराना सुनिश्चित कराया जाए, परन्तु विद्यालयों द्वारा मास्टर प्लान तो उपलब्ध कराए गए लेकिन उसका अनुपालन किसी भी विद्यालय द्वारा सुनिश्चित नही कराया गया। जिसके लिए ज़िलाधिकारी ने 10 प्रमुख विद्यालय जिनके बाहर अत्यधिक यातायात बाधित रहता है उनको ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे उपायों का प्रेजेंटेशन देने के लिए बुलाया गया।
प्रेजेंटेशन के क्रम में जयपुरिया द्वारा बताया गया कि उनके विद्यालय के बाहर सुबह 7:20 से 7:30 बजे कुल 10 मिनट अत्यधिक जाम लगता है और अपराह्न 2 बजे से 2:30 बजे कुल 30 मिनट अत्यधिक जाम लगता है। विद्यालय में 3 गेट है प्रत्येक गेट पर एक एक नोडल और स्पोर्टिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। स्कूल बस व अभिभावकों की गाड़ियां परिसर के अंदर खड़ी कराई जाती है एव क्लास 1-4 तक कि वैन का डिस्पर्स विद्यालय के अंदर से किया जाता है। क्राइश चर्च विद्यालय में अंदर प्रर्याप्त जगह होने के बाद भी वाहन बाहर पार्क किये जाते है। जिसके लिए निर्देश दिए गए कि समस्त वाहनों को विद्यालय परिसर के अंदर पार्क करना सुनिश्चित किया जाए। सेंट फ्रांसिस की प्रेजेंटेशन में ज्ञात हुआ कि स्टाफ के वाहन तो विद्यालय के अंदर पार्क किये जाते है परंतु वैन बाहर खड़े किए जाते है जिसके लिए कड़े निर्देश दिए गए कि स्टाफ के वाहन, पूल्ड वाहन, अभिभावकों के वाहन व वैन इत्यादि परिसर के अंदर पार्क की जाए। सीएमएस द्वारा बताया गया कि उनके विद्यालय में लगभग 1735 प्राईवेट वाहन आते है। परिसर के अंदर पार्किंग के लिए कोई प्लेस नही है। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि विद्यालय द्वारा नियर बाई पार्किंग प्लेस की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए या विद्यालय अभिभावकों को स्कूल बस से अपने बच्चों को भेजने के लिए प्रेरित करे। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा विद्यालयों से क्रमवार उनकी कार्य योजना पर चर्चा करने के पश्चात सर्वप्रथम यह निर्देश प्रदान किया गया कि ट्रैफिक की व्यवस्था हेतु एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाय। इसके साथ ही साथ विद्यालय के समस्त गेट एवं सडक पर ट्रैफिक की व्यवस्था हेतु पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाये। यदि सुरक्षा कर्मी प्रशिक्षित नहीं है तो उनकी सूची उपलब्ध करायी जाये जिससे उनका पुलिस विभाग से प्रशिक्षण कराया जा सके। उक्त के साथ ही विद्यालयों से यह अपेक्षा की गयी कि वह विद्यालयों में नामांकित कुल छात्र/छात्राओं के विद्यालय आने जाने के साधनों का विवरण तैयार कर लें। विवरण में यह तैयार किया जाये कि कितने बच्चे बस अ वैन से, कितने बच्चे साइकिल से अथवा मैट्रों से, कितने बच्चे पूल वाहन से, कितने बच्चे निजी वाहनों से ड्राइवर के साथ किसी एक अभिभावक के संग एवं कितने बच्चे ऐसे निजी वाहनों से आते हैं जिसे केवल ड्राइवर अथवा अभिभावक ही लेकर आते हैं। इसके साथ यह भी निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक विद्यालय में केन्द्रीयकृत एनाउन्समेन्ट सिस्टम लगाया जाय तथा एक ट्रैफिक कंट्रोल रूम व कार्यालय स्थापना की जाय जिसमें विद्यालय के समस्त गेट एवं आवागमन के समस्त बाहरी सड़कों को सीसीटीवी के माध्यम से देखा जा सके। विद्यालय में नामांकित समस्त बच्चों के विद्यालय आने-जाने के साधनों का कम्प्यूटरीकृत विवरण रखा जाय जिससे यदि कोई वाहन सड़क पर निर्देश के विपरीत खड़ा पाया जाता है तो तत्काल उसके अभिभावक को दूरभाष से सूचित किया जा सके। फोन करने के लिए अलग से कर्मियों की तैनाती की जाय।
बैठक मे लॉरेटो कान्वेन्ट स्कूल, लखनऊ पब्लिक स्कूल, सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल, के प्रतिनिधि को कठोर चेतावनी के साथ निर्देशित किया गया कि अभिभावको के वाहन भी परिसर के अन्दर ही खड़े कराये जाये अन्यथा विद्यालय कि एनओसी वापस लेने के सम्बन्ध में नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। सेन्ट फ्रांसिस कालेज, हजरतगंज, लखनऊ एवं क्राइस्ट चर्च कालेज, हजरतगंज, लखनऊ द्वारा अपने विद्यालय के परिसर के अन्दर ही अभिभावको के वाहनों को भी पार्क करने हेतु सहमति प्रदान की गयी।
