एस्कॉर्ट एलाउन्स योजना: 13,991 दिव्यांग बच्चों की शैक्षिक मजबूती को योगी सरकार का बड़ा फैसला

  • 839.46 लाख की सौगात से सशक्त होंगे दिव्यांग विद्यार्थी
  • प्रेरणा और समर्थ पोर्टल से तय होगी पात्रता, डिजिटल निगरानी से खत्म होगा भ्रष्टाचार

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 में परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के कक्षा-1 से 8 तक के 13,991 गंभीर और बहु-दिव्यांग छात्र-छात्राओं को एस्कॉर्ट एलाउन्स योजना के अंतर्गत 839.46 लाख की सहायता देने का निर्णय किया है। इस कदम को दिव्यांग बच्चों में शिक्षा के प्रति भरोसे को एक बार फिर लौटाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। इसके जरिए योगी सरकार ने शिक्षा सबकी और सबके लिए का संदेश दिया है।

10 महीने तक मिलेंगे 600 रुपये प्रतिमाह
एस्कॉर्ट एलाउन्स की इस योजना के तहत दृष्टिहीन, बौद्धिक रूप से दिव्यांग, सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित और जेई–एईएस प्रभावित बच्चों को 600 प्रतिमाह की दर से 10 माह तक डीबीटी के माध्यम से सहायता दी जाएगी, ताकि वे नियमित रूप से स्कूल आ सकें। केवल वित्तीय सहायता नहीं यह समावेशी शिक्षा की ओर एक ठोस कदम है। जिसमें प्रेरणा पोर्टल से लेकर पीएफएमएस प्रणाली तक एक साथ चलते हैं, जिसमें तकनीक, पारदर्शिता और करुणा का समन्वित रूप है। यह एक नीतिगत निर्णय के साथ संवेदनशील शासन की पहचान है। जहां वह बच्चा भी पढ़ने के सपने देख सकता है, जो चलने-फिरने तक में अक्षम हो।

दिव्यांगता दस्तावेज अनिवार्य
इस योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया में प्रेरणा पोर्टल और समर्थ पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका है, जहां पहले बच्चों की पात्रता की पुष्टि की जाएगी। 40 प्रतिशत या उससे अधिक की दिव्यांगता प्रमाणित करने वाले दस्तावेज अनिवार्य होंगे और विद्यालयों की नियमित उपस्थिति भी इस योजना की पात्रता की शर्त है।

हर स्तर पर तय है जिम्मेदारी और पारदर्शिता
संपूर्ण प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए विद्यालय से लेकर जिला स्तर तक हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की गई हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक पात्र छात्र-छात्राओं को चिह्नित करेंगे, खंड शिक्षा अधिकारी उसे सत्यापित करेंगे और अंततः जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से अंतिम मंजूरी होगी। इसके बाद पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से आधार सत्यापन और बैंक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

30 सितंबर तक पूर्ण होनी है प्रक्रिया
एफएमएंडपी मैनुअल-2024 के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरी योजना 30 सितंबर तक क्रियान्वित हो जाएगी। सभी भुगतान संबंधित मद के अंतर्गत ही किए जाएंगे और इसका दोहरे भुगतान या धनराशि विचलन की स्थिति में संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा।

आर्थिक सहायता के साथ शिक्षा से वंचित न रहने की सोच
यह योजना, आर्थिक सहायता तो है ही, एक सोच भी है। यह सोच है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों में दया, दृष्टि और दृष्टिकोण तीनों का समन्वय है। समावेशी शिक्षा के इस मॉडल में तकनीक और संवेदना साथ‑साथ चल रही हैं। क्योंकि शिक्षा तब ही सार्थक है, जब वह हर बच्चे तक पहुंचे। चाहे वह चल सके या न चल सके। – संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार

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