पूर्व राज्यसभा सांसद ने दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी का उठाया मुद्दा,,मीडिया से कही यह बात

रिपोर्ट बबलू सेंगर

दिहाड़ी मजदूरों को भी सरकार की सहानुभूति की जरूरतःश्रीराम पाल

Orai / jalaun news today । असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों को भी सरकार की सहानुभूति चाहिए। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले श्रमिको की दीन हीन दशा को जानने व समझने के लिए सरकार की कोई योजना नही है। यह बात पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीराम पल ने मीडिया से बात करते हुए कही।
पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीराम पाल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि काम की तलाश में नगरों के चौराहों पर भोर से ही महिला पुरूष मजदूर इकट्ठा होकर यह उम्मीद करते है कि कोई व्यक्ति उन्हें दिन भर के लिए मजदूरी पर रख ले। इनमें बढ़ई, लुहार, राजगीर, मजदूर, श्रमिक भी होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी सोचा है कि बरसात के तथा सर्दी के मौसम में जब सामान्य लोग अपने घरों में आराम से रहते हैं तब काम न मिलने की दशा में इन मजदूरों के घरों में चूल्हा जलता है कि नहीं काम की तलाश मे बिकाऊ से खड़े रहने वाले इन श्रमिकों को चौराहे पर बैठने के लिए छाया की व्यवस्था तो सरकार कर ही सकती है। इन मजदूरों में शारीरिक रूप से दुबर्ल व कमजोर व्यक्तियों को कोई भी काम पर नहीं ले जाना चाहता है। ऐसे ही मजदूर तनावग्रस्त होकर आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते है। उन्होंने कहा कि अधिकांश श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण नहीं हैं क्योंकि जिला स्तर पर खुले कार्यालय में धन खर्च करके वहां चक्कर लगाना श्रमिकों के लिए मुश्किल होता है। ऐसे में श्रम विभाग के अधिकारी, कमर्चारी स्वतः सुबह चौराहों पर खड़े होने वाले मजदूरों के पास पहुंचकर उनके पंजीकरण कर सकते हैं और दिहाड़ी मजदूरो का शत प्रतिशत पंजीकरण हो सकेगा। यदि मजदूरी करने के दौरान उनके साथ किसी प्रकार की दुघर्टना होती है तो परिवार को बीमा लाभ मिल सकेगा। शारीरिक रूप से कमजोर मजदूरों के लिए मानवीयता दिखाते हुए कुपोषण से मुक्ति दिलाने की योजना चलाई जानी चाहिए। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के मजदूरो को भी मनरेगा के समान रोजगार की गारंटी योजना सरकार को बनानी चाहिए। ताकि शहरी क्षेत्र के मजदूरों को भी काम मिल सके। साथ ही किसानों की आय बढाने के लिए फसलों का एमएसपी बढाना अच्छी बात है लेकिन उसी अनुपात में बढ़ी हुई मजदूरी की दरों का मजदूरों को कड़ाई से भुगतान कराने की व्यवस्था भी सरकार को कराना चाहिए।

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