मंहगाई के चलते फीका नजर आया होली का पर्व,,

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । मंहगाई के चलते होली का पर्व फीका नजर आया बाजार सूने नजर आए। लोगों में होली को लेकर उत्साह भी नजर नहीं आया।
रंगों का त्योहार होली, जो हर साल हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है, इस बार महंगाई की मार के कारण फीका पड़ता नजर आया। बाजारों में रौनक गायब रही, और लोगों में उत्साह भी पहले जैसा देखने को नहीं मिला। खाद्य पदार्थों, रंग-गुलाल, मिठाइयों और अन्य जरूरी सामानों की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की जेब पर गहरी चोट की, जिससे त्योहार की चमक फीकी पड़ गई। हर साल होली के करीब आते ही बाजारों में भारी भीड़ उमड़ती थी। कपड़े, रंग-गुलाल, पिचकारी, मिठाइयां, सूखे मेवे और अन्य सामग्रियों की खरीदारी के लिए लोग बड़ी संख्या में बाजारों में पहुंचते थे। लेकिन इस बार बाजार सूने नजर आए। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण ग्राहकों की संख्या घटी है, जिससे उनका व्यापार प्रभावित हुआ है। होली से जुड़े सामान बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि इस बार बिक्री आधी से भी कम रह गई। पिचकारी, गुलाल और रंगों की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है, जिससे आम लोग ज्यादा खरीदारी करने से बच रहे हैं। बच्चों के लिए खास पिचकारियां, जो पहले आसानी से बिक जाती थीं, इस बार दुकानों में ही पड़ी रह गईं। होली पर मिठाइयों की खास अहमियत होती है, लेकिन इस बार इनकी कीमतें भी लोगों की जेब पर भारी पड़ रही हैं। दूध, घी, चीनी और अन्य सामग्रियों के दाम बढ़ने से मिठाइयों के रेट में भी भारी इजाफा हुआ है। जहां पहले लोग किलो भर मिठाई खरीदते थे, वहीं अब सीमित मात्रा में ही खरीदारी कर रहे हैं। सूखे मेवे भी महंगे हो गए हैं, जिससे घरों में पारंपरिक रूप से बनने वाले गुजिया, शक्करपारे और अन्य व्यंजन भी कम मात्रा में बनाए जा रहे हैं। महंगाई का असर सिर्फ बाजारों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि लोगों के मनोबल पर भी पड़ा है। जहां पहले हर गली-मोहल्ले में ढोल-नगाड़ों की आवाजें सुनाई देती थीं, वहां इस बार सन्नाटा पसरा दिखा। लोग त्योहार को मनाने में किफायत बरत रहे हैं और बड़ी होली पार्टियों की जगह सीमित दायरे में ही इसे मना रहे हैं। स्थानीय निवासी मनोज, विनोद, विनय आदि ने बताया, हर साल बड़े स्तर पर होली मनाते थे, लेकिन इस बार बढ़ती महंगाई के चलते खर्च सीमित करना पड़ा। बच्चों के लिए महंगे खिलौने और पिचकारियां खरीदना मुश्किल हो गया है। होली, जो उमंग और खुशी का पर्व माना जाता है, इस बार महंगाई के कारण पहले जैसी चमक नहीं बिखेर सका। बाजारों में सुस्ती और लोगों के उत्साह में कमी ने यह दर्शा दिया कि बढ़ती कीमतें आम जनता पर कितनी भारी पड़ रही हैं।

उत्तम पुकार न्यूज़ परिवार की तरफ से आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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