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World Chess Champion ship । भारत के शतरंज स्टार गुकेश डी ने 18 साल की उम्र में इतिहास रचते हुए सबसे कम उम्र के शतरंज विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने मौजूदा चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को शतरंज विश्व चैंपियनशिप के 14वें और निर्णायक गेम में हराकर खिताब अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज का विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
14वें गेम में किया निर्णायक वार

मैच में काले मोहरों से खेलते हुए गुकेश ने मैराथन गेम में डिंग लिरेन को मात दी। खेल टाई की ओर बढ़ रहा था और ऐसा लग रहा था कि मैच टाईब्रेकर तक जाएगा, लेकिन डिंग ने 55वीं चाल में एफ2 पर किश्ती लाकर गलती कर दी। इस चूक ने मैच का रुख बदल दिया, और डिंग को हार स्वीकार करनी पड़ी। जीत के बाद गुकेश की आंखों में आंसू थे क्योंकि उन्होंने 18 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनकर एक नई मिसाल कायम की।
देशभर से मिली बधाइयां
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर कहा, “गुकेश ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया है, बल्कि यह जीत भारत के शतरंज की महाशक्ति होने की पुष्टि भी करती है। शाबाश गुकेश!” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “ऐतिहासिक और अनुकरणीय” बताते हुए कहा कि यह उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत का नतीजा है। खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी गुकेश को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी।
गुकेश ने जताई खुशी
जीत के बाद गुकेश ने कहा, “डिंग लिरेन महान खिलाड़ी हैं और उन्होंने पूरे मैच में जबरदस्त दबाव का सामना किया। यह मेरे जीवन का सबसे खास पल है।” उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके बिना यह संभव नहीं था।

गुकेश की यह ऐतिहासिक जीत भारत के लिए शतरंज के क्षेत्र में एक और बड़ा मुकाम साबित हुई है।