पत्रकारों ने किया प्रदर्शन,, दिया ज्ञापन,, फर्जी मुकदमे में पत्रकार को फंसाने का आरोप,, सीओ ने दिया ये आश्वासन

रिपोर्ट राहुल उपाध्याय

Bahraich news today । बहराइच जनपद के कोतवाली नानपारा में पत्रकारों ने जमकर प्रदर्शन किया आरोप है कि पुलिस ने शुक्रवार आधी रात राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र से जुड़े एक पत्रकार के घर भारी पुलिस बल के साथ फर्जी लूट के मामले में छापेमारी की आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं बच्चों के साथ अभद्रता और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। आरोप है कि पत्रकार के सहायक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया और घर में काफी उत्पात मचाया। पत्रकार को धमकी दी जिससे पत्रकार और उनके परिवार सदमे में है। इस घटना की खबर जब पत्रकार संगठनों को लगी तो उनमें उबाल आ गया और सभी शनिवार की सुबह 10:00 बजे संघ कार्यालय पर एकत्रित हुए इसके बाद नारेबाजी करते हुए पुलिस उपाधीक्षक नानपारा कार्यालय पहुंचे जहां पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की। पत्रकार सीओ के आश्वासन के बाद भी शांत नहीं हुए और पुन: कतर्नियाघाट तिराहे तक पैदल मार्च निकालकर नारेबाजी की वापस लौटकर इमामगंज चौराहे पर फिर से पुलिस उपाधीक्षक ने प्रदर्शनकारी पत्रकारों को रोक कर उनसे ज्ञापन लिया और जांच कर अति शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद पत्रकार शांत हुए।


स्थानीय सहयोगी के अनुसार बताते चलें कि नानपारा नगर क्षेत्र निवासी गोपाल टेकडीवाल पुत्र मालीराम टेकडीवाल ने पत्रकार रजनीश रस्तोगी पुत्र बसंत लाल रस्तोगी निवासी पुरानी बाजार समेत कई अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 309(4) 329 (3) 324 (4)3 51(3) के तहत शुक्रवार देर रात फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। जबकि मामला मामूली भूमि विवाद से संबंधित था। इस संबंध में कोतवाली नानपारा में प्रभारी निरीक्षक के समक्ष नगर के कुछ संभ्रांत व्यक्तियों के बीच दोनों पक्षों में सुलह समझौता कराने का प्रयास भी एक सप्ताह पूर्व किया गया था। जिस पर प्रभारी निरीक्षक ने दोनों पक्षों से भूमि के मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। बताया जा रहा है कि रजनीश ने दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए जबकि गोपाल टेकडीवाल दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर उनको एक सप्ताह का मौका भी दिया गया था लेकिन उन्होंने दस्तावेज प्रस्तुत करने की बजाय फर्जी मुकदमा पंजीकृत करा दिया। आरोप है कि पुलिस ने भी इस मामले में इतनी तत्परता क्यों दिखाई कि मुकदमा पंजीकृत होने के तत्काल बाद देर रात भारी पुलिस बल के साथ प्रभारी निरीक्षक ने रजनीश के घर पहुंचकर दविश दे दी। आरोप है कि पुलिस बल ने घर को चारों तरफ से घेर लिया कुछ पुलिसकर्मी घर में घुस गए और उत्पात मचाने लगे महिलाओं बच्चों को अपमानित किया और अभद्र व्यवहार किया साथ ही अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। उस समय रजनीश घर पर मौजूद नहीं थे पुलिस ने परिवार के लोगों को धमकाते हुए उनके सहायक कर्मचारी को अपनी हिरासत में ले लिया। शनिवार सुबह जब विभिन्न पत्रकार संगठनों को घटना की जानकारी हुई तो इस संबंध में एक बैठक संगठन के कार्यालय पर हुई और पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों ने रोष व्यक्त किया। जिसके बाद संगठन कार्यालय से पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पत्रकार पुलिस उपाधीक्षक नानपारा कार्यालय तक जुलूस की शक्ल में पहुंचे। सीओ कार्यालय पर भी जमकर नारेबाजी की। उन्होंने मामले को शांत करने का प्रयास किया लेकिन पत्रकार शांत नहीं हुए और वह नारेबाजी करते हुए वापस कतर्निया घाट तिराहे पहुंचे जहां पर फिर एकत्र होकर नारे लगाए और तत्काल जांच कर करवाई करने और प्रभारी निरीक्षक को हटाने की मांग करने लगे।

जानकारी होने पर पुलिस उपाधीक्षक नानपारा अपने कार्यालय से फिर प्रदर्शन स्थल पर की ओर रवाना हुए। लेकिन तब तक पत्रकार संगठन इमामगंज चौराहे पर पहुंच चुके थे जहां पर सीओ ने रोककर संगठन के अध्यक्ष सत्य प्रकाश गुप्ता, महामंत्री विनोद द्विवेदी से वार्ता की और उनका ज्ञापन लिया साथ ही आश्वस्त किया कि अति शीघ्र मामले की जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पत्रकारों की मांग पर हिरासत में लिए गए रजनीश के सहायक सरकारी को रिहा किया गया जिसके बाद पत्रकार शांत हुए । फिलहाल पत्रकार अपनी मांग पर अड़े हुए हैं पत्रकारों का कहना है कि जब तक प्रभारी निरीक्षक को स्थानांतरित नहीं किया जाता वह अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे।

Leave a Comment