लगातार जोर पकड़ रही अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग,,महोबा डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया ज्ञापन

“आल्हा-ऊदल की धरती बुंदेलखंड को फिर से राज्य बनाना है” – कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह

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Mahoba news today । पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है इसी कड़ी में मंगलवार को पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर महोबा की अनुपस्थिति में यह ज्ञापन प्रभारी अधिकारी को दिया गया, जिसमें बुंदेलखंड को पुनः राज्य का दर्जा देने की मांग की गई।


इस अवसर पर कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह ने कहा कि आल्हा-ऊदल की वीरभूमि बुंदेलखंड को उसका ऐतिहासिक गौरव लौटाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि 1948 में बुंदेलखंड एक स्वतंत्र राज्य था, लेकिन 1956 में इसे जबरन विभाजित कर दिया गया, जिससे क्षेत्र की प्रगति बाधित हुई। उन्होंने कहा कि देश में कई नए राज्य बनाए गए, लेकिन बुंदेलखंड की मांग को हमेशा उपेक्षित रखा गया, जो अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की जनसंख्या और क्षेत्रफल इसे एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने के सभी मानकों को पूरा करते हैं। फिर भी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
ज्ञापन में बुंदेलखंड के ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया कि जल्द से जल्द इसे अलग राज्य घोषित किया जाए।


ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय महासचिव नईम मंसूरी, महोबा जिलाध्यक्ष प्रदीप राजपूत, राष्ट्रीय महासचिव अनुपमा सिंह, राजकुमारी जयति सिंह (चरखारी), नगर अध्यक्ष महोबा सत्येन्द्र परिहार, राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह , धर्मेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र सिंह चौहान, झांसी जिलाध्यक्ष विनोद वर्मा, जितेंद्र पाल, अजय कुमार, महेंद्र वर्मा, मान सिंह राज, संतोष राजपूत, सतीश शुक्ला, रामकुमार, घनश्याम, पूरन सिंह बुंदेला, पुष्पेंद्र यादव, रामप्रसाद धानुक, दुर्गाप्रसाद रायकवार , अखिलेश शर्मा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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