मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर चढ़ाया सूर्य को जल,,,,

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन क्षेत्र में मंगलवार को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति के पर्व पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर सूर्य को जल चढ़ाया। लोगों ने घरों में तिल के लड्डू व दाल के पकौड़े खिलाए। मकर संक्रांति के मौके पर मंदिरों में खिचड़ी का दान दिया गया।
मकर संक्रांति केा पर्व पर नगर व ग्रामीण क्षेत्र में श्रृद्धाभाव के साथ मनाया गया। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर लोगों ने सुबह से ही मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना की। लोगों ने स्नान कर सूर्य देवता के मकर राशि पर आने पर सूर्य देवता को जल चढ़ाकर उनकी भी पूजा अर्चना की। इसके बाद खिचड़ी दान कर कन्याओं को खिचड़ी खिलाई गयी। नगर व ग्रामीण क्षेत्र में ब्राम्हणों व मंदिरों में खिचड़ी दान दी गयी तथा खिचड़ी खिलाई गयी। ग्रामीण क्षेत्रों के उरगांव, नैनापुरा, खनुआं, औरेखी, कुंवरपुरा, लौना, उदोतपुरा, पहाड़पुरा, सुढ़ार सालाबाद, छिरिया सलेमपुर आदि गांवों भी मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। नगर में पैट्रोल पम्प वाले हनुमानजी मंदिर व देवी जी मंदिर पर श्रद्धालुओं ने खिचड़ी का वितरण किया। लोगों ने घरों में गुड़ व तिल के लड्डू बनवाए साथ ही मूंग के दाल के पकौड़े भी बनाए गए। जिन्हें अपने मिलने वालों और दोस्तों को खिलाया गया। पं. देवेन्द्र दीक्षित के अनुसार चंद्र के आधार पर माह के 2 भाग हैं कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। इसी तरह सूर्य के आधार पर वर्ष के 2 भाग हैं उत्तरायन और दक्षिणायन। 6 माह सूर्य उत्तरायन रहता है और 6 माह दक्षिणायन। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य उत्तरायन हो जाता है अर्थात धरती का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। मकर संक्रांति से रातें छोटी होने लगती हैं। इस पर्व के साथ ही सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। मलमास समाप्त होने से घरों में मांगलिक और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। मकर संक्रांति के पर्व पर तीर्थ स्नान और दान का महत्व है। परंपरा के अनुसार इस दिन लोग तिल का उबटन लगा कर स्नान करते हैं। तिल और गुड़ का दान भी करते हैं।

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