उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को चैत्र नवरात्र की रामनवमी पर गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत नवमी पूजन का अनुष्ठान अपने हाथों से संपन्न किया। नवमी पूजन की शुरुआत सुबह मां भवगती के नवें स्वरूप सिद्धिदात्री की आराधना के साथ किए।
उसके बाद सीएम योगी ने कन्या पूजन का पारंपरिक अनुष्ठानकिया, जिसमें मुख्यमंत्री ने नौ कन्याओं और एक बटुक भैरव का पहले थाल में पांव पखारा और विधि-विधान से उनकी पूजा की। पूजा के क्रम में ही मुख्यमंत्री कन्याओं को अपने हाथों से भोजन भी कराया और भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा और उपहार भी दिया।

सीएम योगी ने प्रदेशवासियों के मंगल के लिए मां से की प्रार्थना
नवरात्र की नवमी आराधना के लिए मुख्यमंत्री बुधवार की शाम लखनऊ से गोरखपुर लौटे और नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा-अर्चना की। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीठ की परंपरा के अनुसार हवन व आरती के साथ मुख्यमंत्री ने यह अनुष्ठान पूर्ण किया और मां से प्रदेशवासियों के लिए मंगल की प्रार्थना की। पूजा व हवन मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व में संस्कृत विद्यालय के 11 आचार्यों ने संपन्न कराई, जिसमें डा. रोहित मिश्र, डा. रंगनाथ त्रिपाठी, डा. प्रांगेश कुमार मिश्र, डा. अरविंद चतुर्वेदी, नित्यानंद चौबे आदि शामिल रहे। अंत में प्रसाद वितरण हुआ। इस दौरान मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ, संतोष दास सतुआ बाबा आदि मौजूद रहे।


श्रीराम जन्मोत्सव चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि यानी रामनवमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में अयोध्या शोध संस्थान और संस्कृति विभाग की ओर से श्रीरामजन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित हुआ । ‘भय प्रकट कृपाला’ नाम से मनाए जाने वाले इस जन्मोत्सव कार्यक्रम के संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि आयोजन दिन में 12 बजे हुआ ।
