“एक कदम गाँधी के साथ” पदयात्रा पहुंच रही लखनऊ, होंगे कई आयोजन

गाँधी की शारीरिक हत्या के बाद अब वैचारिक हत्या की कोशिश जारी

Lucknow news today ।   महात्मा गांधी की शारीरिक हत्या के बाद अब वैचारिक हत्या की कोशिश जारी है। ये बात आज सर्व सेवा संघ के सहयोगी संगठन भारत जन ज्ञान विज्ञान समिति एवं साझी दुनियाँ, साझी विरासत ने एक प्रेस वार्ता में कही।
प्रेस वार्ता को पूर्व कुलपति एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, हरीश चन्द्र ,पूर्व आईएएस एवं समाजसेवी आलोक सिंह ने संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार सबसे ज्यादा खतरा लोकतंत्र और संविधान पर मडरा रहा है। देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं ने भारत को एक धर्म निरपेक्ष, लोकतांत्रिक, समाजवादी देश के रूप में स्थापित करने का सपना देखा था । आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले महात्मा गाँधी, शहीद-ए-आजम भगत सिंह के अलावा डा० अम्बेडकर, नेहरू, लोहिया, मौलाना आजाद, सरोजनी नायडू आदि के आजादी प्राप्त करने के माध्यम तथा तौर-तरीकों में मतभेद के बावजूद भी देश को समानता, स्वतंत्रता, बन्धुता तथा सभी को सभी क्षेत्रों में बिना जाति, धर्म, लिंग, रूप-रंग का भेद किये बिना न्याय प्रदान करने की संविधान में व्यवस्था की गयी है जिसे बाबा साहेब डा० अम्बेडकर ने सामाजिक लोकतंत्र की संज्ञा दी थी।
उन्होंने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य के कोई भी अंग निरंकुश न हो सके इसके लिए बहुत सारे रोकथाम (चेक बैलेन्सेज) की व्यवस्था की गयी थी, वे सारे मौजूदा समय में छिन्न-भिन्न किये जा रहे है। संविधान में समानता, स्वतंत्रता, बन्धुता स्थापित कर एक सामाजिक लोकतंत्र का ताना-बाना बुना गया है। आज ये सारे ताने-बाने तार-तार हो गये है। ब्रिटिश हुकूमत के दौर में जिस देश में सुई तक नहीं बनती थी, आजादी के बाद देश में बुनियादी ढाँचा यथा नदियों पर बड़े-बड़े बाँध, विद्युत परियोजनाएं, स्टील के कारखाने, टर्वाइन बनाने के कारखाने, देश में रेल, सडको का जाल विछाया गया, इसरो, भाभा आटमिक इनर्जी तथा सार्वजनिक क्षेत्र मे बडे-बडे उद्योग ओ०एन०जी०सी० आदि स्थापित किये गये थे, जिसे नेहरू ने आधुनिक भारत का मंदिर बताया था, को वर्तमान में अपने साथी मित्रों को कौडियों के भाव लुटाया जा रहा है।
वक्ताओं ने आगे कहा कि संविधान में कानून के राज के स्थापना की व्यवस्था की गयी है, लेकिन मौजूदा समय में लोकतांत्रिक देश में राजा, महाराजा, तानाशाहों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। कानून के राज के बजाय बुल्डोजर राज कायम हो गया है। महात्मा गाँधी की फॉसीवादी तत्वों द्वारा शारीरिक हत्या के बाद अब उनके दर्शन, विचार एवं चरित्र की हत्या का निरंतर हमला जारी है। उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं साबरमती आश्रम, गुजरात विद्यापीठ, सेवा ग्राम आश्रम, सर्व सेवा संघ वाराणसी मनगढंत आरोप लगाकर अवैधानिक रूप से कब्जा किया जा रहा है।
आज देश में घृणा, नफरत, हिंसा, असहिष्णुता, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला, शोषित, वंचित समाज के व्यक्तियों की दिन दहाडे हत्या और बहन बेटियों के सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या को आत्महत्या का रूप देना, जातीय हिंसा और दूसरे धर्मो के लोगो के प्रति नफरत और भीड़ द्वारा लिंचिग और लोकतंत्र को भीडतंत्र में बदलने का सुनियोजित कार्यक्रम चल रहा है। यह गाँधी, अम्बेडकर, भगतसिंह, नेहरू, लोहिया और मौलाना आजाद, सरोजनी नायडू आदि का भारत तो नहीं हो सकता है?
यदि हम देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालें शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं महापुरूषों के सपनों के भारत को अक्षुण नहीं रख सके तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा!
इसलिए हमें अपने खून की अन्तिम बूँद तक लोकतंत्र, समाजवाद और संविधान की रक्षा करनी होगी।


उन्होंने कहा कि हमने अपने मुल्क की इसी विरासत को सजोये रखने के लिए “एक कदम गाँधी के साथ” पदयात्रा की शुरुआत 2 अक्टूबर को वाराणसी के राजघाट से की है। इस एक हजार किलोमीटर लम्बी पदयात्रा में पदयात्त्रि 110 पड़ाव डालेंगे एवं 56 दिन तक चलते रहेंगे। यह ऐतिहासिक पदयात्रा 18 जिलों 3 राज्यों के सैकडों स्कूल, कालेजों, गाँवों, कस्बों, बाजारों, शहरों से होकर गुजरेगी।
पद यात्रा कार्यकम का समापन 26 नवम्बर, 2025 को सुबह 7.00 बजे गाँधी समाधि जाकर सर्व धर्म प्रार्थना के बाद जंतर-मंतर पर सभा के साथ होगा। 26 नवम्बर, 2025 इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसी तिथि को देशवासियों ने “हम भारत के लोग” अपने लिए संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, आत्मार्पित किया था।
उन्होंने पदयात्रा की जानकारी देते हुए आगे बताया कि यह पदयात्रा 18 अक्टूबर को प्रातः 10:00 बजे लखनऊ में मोहनलालगंज से प्रवेश कर रही है। इसके साथ ही लखनऊ जनपद में विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। 22 अक्टूबर को यह यात्रा आगे उन्नाव के लिए रवाना हो जाएगी।