हिंदू संगठनों के लोगों सौंपा एसडीएम को ज्ञापन,,यह है बजह की ये मांग

Jalaun news today । पिछड़े डेढ़ माह में एक संप्रदाय विशेष के युवकों द्वारा दूसरे संप्रदाय की चार युवतियों को भगा ले जाने और अब तक एक भी युवती को बरामद न किए जाने के विरोध में हिंदू संगठनों के नेताओं ने एकत्रित होकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम व सीओ को सौंपा। जिसके माध्यम से उन्होंने मामले में कार्रवाई की दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और तीन दिन युवतियों को बरामद किए जाने की मांग की है।
कोतवाली क्षेत्र में बीते डेढ़ माह में नगर क्षेत्र से तीन और ग्रामीण क्षेत्र से एक युवती को संप्रदाय विशेष के युवक अपने साथ बहला फुसलाकर भगा ले गए हैं। नगर व ग्रामीण में संप्रदाय विशेष के युवकों द्वारा दूसरे समुदाय की युवतियों को भगाने के बढ़ रहे मामलों को लेकर हिंदू संगठन के नेताओं में नाराजगी पनप रही थी। अभी 14 जुलाई को कोतवाली क्षेत्र निवासी एक युवती की शादी थी। लेकिन शादी से पूर्व ही बीती तीन जुलाई को युवती घर से लापता हो गई। जिसके संबंध में पीड़ित भाई ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 13 जुलाई की रात में युवती के पिता की मृत्यु हो गई। जिसके बाद रविवार की रात हिंदू संगठनों की एक बैठक भैरवजी मंदिर पर आयोजित हुई। जिसमें ऐसी घटनाओं को लेकर निंदा की गई और आगे की योजना बनाई गई। सोमवार को हिंदू सगठनों के नेता द्वारिकाधीश मंदिर पर एकत्रित हुए और मौन जुलूस निकालकर तहसील परिसर पहुंचे। जहां हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजा सिंह सेंगर, गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान के संस्थापक अनिल शिवहरे के नेतृत्व में विहिप नगर अध्यक्ष अनुराग तिवारी, जिला गोरक्षा प्रमुख आशीष द्विवेदी, बजरंग दल के नगर संयोजक मानवेंद्र परिहार दिनेश कुशवाहा, महेंद्र पाटकार, बलराम सोनी, हरिश्चंद्र, योगेंद्र सिंह, उपेंद्र कुमार, द्वारिकाप्रसाद सोनी, कैलाशचंद्र सोनी, अजय सोनी, अवध किशोर, सुनील ताम्रकार, गोलू कुशवाहा, अंशू गौतम, कपिल चंसौलिया, अक्षत चंसौलिया आदि समेत एक सैंकड़ा से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम अतुल कुमार सीओ रामसिंह को सौंपकर बताया कि युवती के पिता कैंसर पीड़ित थे। युवती की 14 जुलाई को शादी थी। उनकी बीमारी की वजह से घर में युवती के चले जाने के बारे में उन्हें किसी ने नहीं बताया। 13 तारीख तक जब घर में शादी की कोई हलचल नहीं हुई तो कैंसर पीड़ित पिता के पूछने पर जब परिजनों ने उन्हें युवती के बारे में बताया। जिसके बाद रात में ही उनकी सदमे से मृत्यु हो गई। आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस ने शिंिथलता बरती है और घटना के 13 दिन बाद भी युवती को बरामद नहीं कर सकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने दबिश डालने के नाम पर परिजनों के लगभग 50 हजार रुपये खर्च करा दिए। जबकि कैंसर पीड़ित परिवार के पास घर खर्च चलाने तक के रुपये नहीं थे। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कोतवाली क्षेत्र से गई चारों युवतियों को अतिशीघ्र बरामद किया जाए अन्यथा की स्थिति में हिंदू समाज के लोग आमरण अनशन के लिए विवश होंगे।

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