गरीबों के आवास के सपने को साकार कर रही प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण

जिले के 190348 व्यक्तियों का पूरा हुआ आवास का सपना

राहुल उपाध्याय

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बहराइच। मानव जीवन में आवास का महत्व शारीरिक सुरक्षा और मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति से लेकर मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक जुड़ाव और आर्थिक स्थिरता तक व्यापक है। एक सुरक्षित घर किसी व्यक्ति अथवा परिवार को मौसम, अपराध और अन्य खतरों से बचाने के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान करता है। ईट गारे से तैयार की गई संरचना जिसे कि आमभाषा में घर कहा जाता है, यह परिवारों को एक साथ रहने, संबंध बनाने और मानसिक विकास के लिए एक स्थिर वातावरण प्रदान करता है। इसके अलावा, आवास आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन है और सामाजिक प्रतिष्ठा व स्थिरता से जुड़ा है।
मानव जाति के आवास के महत्व को देखते हुए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक ‘‘सभी को आवास’’ उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के साथ इन्दिरा आवास योजना को 01 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पुर्नगठित कर दिया गया है। सभी पात्र लोगों को आवास उपलब्ध हो सकें इसके लिए आवास प्लस की सूची संतृप्त होने के उपरान्त शासन द्वारा पुनः आवास प्लस 2018 की सूची को आगे बढ़ाते हुए सर्वे का कार्य कराया गया है, जिसमें जिले के 265184 लाभार्थियों का सर्वे किया गया है जिसका विभिन्न स्तर पर सत्यापन की कार्यवाही करायी जा रही है। शीघ्र ही स्थायी पात्रता सूची तैयार होने पर सभी पात्र वंचित व्यक्तियों को भी आवास का लाभ दिया जायेगा।
आवास प्लस सूची के आधार पर तैयार की गई पात्रता सूची में सभी बेघर परिवारो और कच्चे तथा जीणशीर्ण मकानो में रह रहे पात्र व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने का प्राविधान हैं। जनपद में विगत 09 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों की बात की जाये तो कुल 190384 व्यक्तियों को आवास की सुविधा प्रदान की गई है। वर्षवार निर्मित आवासों की बात की जाये तो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 24679, वर्ष 2017-18 में 22153, वर्ष 2018-19 में 19269, वर्ष 2019-20 में 10878, वर्ष 2020-21 में 35472, वर्ष 2021-22 में 23680, वर्ष 2022-23 में 31779, वर्ष 2023-24 में 16238 तथा वर्ष 2024-25 में 6226 व्यक्तियों के आवास का सपना पूरा हो चुका है।
,प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत आवास का निर्माण 25.00 वर्ग मीटर में निर्धारित डिजाइन के अनुसार किया जायेगा। जिसमें एक कमरा, बरामदा एवं एक रसोई का निर्माण किया जायेगा। आवास की ईकाई लागत रुपए 1,20,000 निर्धारित है। जिसमें प्रथम किश्त के रूप में रुपए 40,000, द्वितीय किश्त के रुपए 70,000 एवं तृतीय किश्त रुपए 10,000 एफटीओ के माध्यम से खातें में अन्तरित किया जाता है। इसके अतिरिक्त मनरेगा के अन्तर्गत 90 दिनो की मजदूरी सीधे लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित किये जाने का प्राविधान है। अभिसरण कन्वर्जेस के अन्तर्गत आवासों को शौचालय, विद्युत कनेक्शन, एलपीजी कनेक्शन, हर घर नल से जल कनेक्शन एवं एसएचजी से भी आवास लाभार्थी को लाभान्वित किया जाता है। लाभार्थी द्वारा आवास का निर्माण स्वयं कराया जाता है।

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