काबिले तारीफ : प्रधान प्रतिनिधि ने उठाया बाल्मीकि समाज की बेटी के विवाह का जिम्मा,, धूमधाम से की शादी

रिपोर्ट बबलू सेंगर

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Jalaun news today । जालौन ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम छिरिया सलेमपुर प्रधान प्रतिनिधि ने वाल्मीकि समाज की बेटी के विवाह का जिम्मा उठाकर सामाजिक समरसता और मानवीयता की मिसाल पेश की। गांव की बेटी काजल वाल्मीकि की शादी धूमधाम से हुई। समाज ने प्रधान प्रतिनिधि के इस अनूठे प्रयास को सराहा। वहीं विवाह में प्राथमिक विद्यालय और गंभीर सिंह इंटर कॉलेज के छात्रों ने भी योगदान दिया।
समाज में जब कोई जरूरतमंद का साथ देता है, तो एक मिसाल बन जाती है। ऐसा ही एक भावुक व प्रेरणादायक दृश्य छिरिया सलेमपुर गांव में उस समय देखने को मिला, जब गरीब परिवार की बेटी काजल वाल्मीकि का विवाह बच्चों के सहयोग और प्रधान प्रतिनिधि के प्रयासों से पूरे रीति-रिवाजों और धूमधाम से संपन्न कराया गया। यह विवाह न केवल एक बेटी का घर बसाने का प्रतीक बना, बल्कि इसने सामाजिक समरसता और सौहार्द का अद्भुत उदाहरण भी पेश किया। काजल, जिनके पिता अनिल वाल्मीकि का बारह वर्ष पूर्व निधन हो चुका था, अपनी मां संगीता देवी के साथ रह रही थीं। सीमित संसाधनों में जीवन यापन कर रही संगीता देवी के लिए बेटी की शादी एक बहुत बड़ी चिंता बन चुकी थी। इसी चिंता को अपने कंधों पर लिया गांव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों व गंभीर सिंह इंटर कॉलेज के छात्रों ने, उन्होंने विवाह के लिए अपनी पॉकेट मनी जुटाना शुरू की। इसकी जानकारी जब ग्राम पंचायत की प्रधान सोनल तिवारी के पति आशू तिवारी को हुई उन्होंने न केवल बेटी के विवाह की पूरी जिम्मेदारी उठाई, बल्कि उसे किसी भी रूप में कमी न होने दी। वर सिद्धार्थ की बारात समथर के समीप लुहारी गांव से आई। बारात का स्वागत अत्यंत भव्यता से किया गया। विवाह की सभी रस्में विधिपूर्वक निभाई गईं। सबसे विशेष और मार्मिक क्षण वह था, जब कन्यादान का पुनीत कार्य प्रधान प्रतिनिधि आशू तिवारी के माता-पिता अनिल तिवारी व विजयलता तिवारी द्वारा किया गया। इस भावनात्मक दृश्य ने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं। विवाह में प्रधान प्रतिनिधि आशू तिवारी द्वारा न केवल दो क्विंटल गेहूं, बिछिया, अंगूठी, ग्यारह साड़ियां भेंट की गईं, बल्कि तीस हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई। उन्होंने काजल को अपनी बहिन मानते हुए विवाह के भात की रस्म भी निभाई। डोली में विदाई प्रधान के घर से की गई, जिससे यह विवाह पूरी तरह से सामाजिक सहभागिता का एक भव्य उदाहरण बन गया। विवाह समारोह व प्रधान प्रतिनिधि के इस कार्य की सभी ने सराहना की और इसे समाज के लिए प्रेरणास्पद बताया। यह विवाह जहां एक बेटी के सपनों को पंख देने की मिसाल बना, वहीं समाज में जाति-पांति और भेदभाव से ऊपर उठकर इंसानियत और सहयोग की भावना को मजबूत करने वाला भी सिद्ध हुआ।

राजधानी लखनऊ से प्रकाशित

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