रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन के गूढ़ा न्यामतपुर स्थित शनिधाम मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय श्रीराम कथा के नवें दिन मेघनाद वध और रावण युद्ध का भावपूर्ण वर्णन कथा वाचक गुरूप्रसाद ने भक्तों के समक्ष किया।
गूढ़ा न्यामतपुर स्थित शनिधाम मंदिर में जारी 11 दिवसीय श्रीराम कथा के नवें दिन कथा वाचक गुरु प्रसाद ने मेघनाद वध, रावण युद्ध और भगवान श्रीराम की अद्भुत शक्ति का विस्तार से वर्णन किया। बताया कि रावण का पुत्र मेघनाद महान योद्धा था, जिसे इंद्रजीत भी कहा जाता था क्योंकि उसने इंद्र को परास्त किया था। उसने मायावी शक्ति से भगवान राम और लक्ष्मण पर नागपाश चला दिया, जिससे दोनों मूर्छित हो गए। तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लाए और लक्ष्मण पुनः स्वस्थ होकर युद्ध के लिए तैयार हुए। मेघनाद ने कई मायावी शक्तियों का प्रयोग किया, लेकिन अंततः लक्ष्मणजी ने उसका वध कर दिया। यह सुनते ही श्रद्धालु जयकारे लगाने लगे और पूरा मंदिर परिसर श्रीराम और लक्ष्मण की महिमा से गूंज उठा। इसके बाद कथा वाचक ने भगवान श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया। बताया कि रावण अनेक मायावी रूप बदलकर युद्ध करता रहा, लेकिन श्रीराम के बाणों के आगे उसकी एक न चली। श्रीराम ने अंततः एक साथ 31 वाणों को चलाया। एक वाण रावण की नाभि में लगा जिसके बाद रावण का अंत हुआ। इस प्रसंग पर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। इस प्रकार, नवें दिन की रामकथा धर्म और विजय की सीख के साथ संपन्न हुई। इस मौके पर पुजारी बृजेश तिवारी, आनंद, विजय, रामकेश, राजेंद्र, बृजेंद्र, बृजेश, आशीष, प्रेमलता, भावना, आराधना आदि मौजूद रहे।
