रिपोर्ट राहुल उपाध्याय
Bahraich news today। नेपाल के पहाड़ी और मैदानी तथा भारतीय क्षेत्र के मैदानी इलाकों में लगातार तीन दिनों से भीषण बरसात हो रही है। जिसके चलते नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। घाघरा और सरयू नदियां एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 15 सेमीमीटर ऊपर बह रही है। हालांकि अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है। लेकिन नदी की कछार में बसे गांव के लोग दहशत में हैं और वह पलायन कर रहे हैं।
नेपाल के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही भीषण बरसात के बाद बनबसा बैराज पर पानी अधिक होने के बाद भारतीय क्षेत्र की घाघरा और सारी यू तथा लखीमपुर की शारदा नदी में छोड़ दिया जाता है। 3 दिन से लगातार हो रही भीषण बरसात से बहराइच जनपद के लोग भी काफी परेशानी महसूस कर रहे हैं पहाड़ी और मदनी इलाकों का पानी घाघरा और सरयू नदी में एकत्र हो रहा है। नेपाल के बनबसा बैराज से बहराइच के गिरिजा और गोपिया बैराज में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। वर्तमान में घाघरा और सरयू नदी में तीन लाख 19 हजार 88 क्यूसेक पानी नदी में चल रहा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नदी खतरे के निशान से महज तीन सेंटीमीटर यानी कि 106.07 के सापेक्ष 106.10 पर बह रही है। जबकि जानकारी के मुताबिक नदी खतरे के निशान से एल्गिन ब्रिज पर 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। महसी क्षेत्र में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश के कारण घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता बीवी पाल के अनुसार नदी का जलस्तर 15 सेंटीमीटर ऊपर चल रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी कोई खतरा नहीं है। नदी के बढ़ते जलस्तर से कछार के गांवों में चिंता का माहौल है। महसी के जानकीनगर गांव पहले ही घाघरा नदी में समा चुका है और अब यह केवल सरकारी नक्शे में ही मौजूद है। बाढ़ की स्थिति में महसी तहसील के कई गांव प्रभावित हो सकते हैं। इनमें केवलपुर, बांसगढ़ी, पूरे सीताराम, पूरे प्रसाद और पूरेबस्तीगड़रिया शामिल हैं।
नदी के दूसरी तरफ स्थित जानकीनगर और मांझा दरिया बुर्द के बाबा मेला क्षेत्र के साथ-साथ पचासा, चमरहिया और टिकुरी क्षेत्र के निवासी भी चिंतित हैं। ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

