रिपोर्ट बबलू सेंगर
Jalaun news today । ग्रामीण इलाकों में घरौनी का कोई अभिलेख न होने के कारण भूस्वामी को काफी दिक्कते उठानी पड़ती थी और केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं जैसे बैंक से लोन प्राप्त करने व अन्य योजना का लाभ पाने में समस्या आ रही थी। अब लोगों के पास घरौनी है जिससे इस समस्या का समाधान हो रहा है। यह बात तहसील सभागार में आयोजित घरौनी वितरण में एसडीएम विनय मौर्य ने कही। इस दौरान 50 परिवारों को घरौनी का वितरण किया गया।
तहसील सभागार में आयोजित घरौनी वितरण कार्यक्रम में एसडीएम विनय मौर्य ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन सर्वे कर घर चिह्नित किए गए थे। इसके बाद इनका मालिकाना हक तैयार किया गया है। लोगों के पास घरों के मालिकाना हक का कानूनी दस्तावेज नहीं था। अब घरौनी के रूप में घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। गांवों में घरों के मालिकाना हक का दस्तावेज न होने के कारण विवादों के निस्तारण में दिक्कत आती थी, अब ऐसा नहीं होगा। घरों पर बैंक से कर्ज लेने की सुविधा रहेगी। घरौनी में 20 बिंदुओं पर भूमि क्षेत्र की जानकारी है। निजी भूमि हो या पैतृक, मकान कच्चा हो या पक्का, घर का नक्शा, चौहद्दी की पैमाइश नाम, पता, वल्दियत संग यूनिक आईडी से पहचान आदि सब कुछ घरौनी में होगा। जो गांव में रहने वालों के लिए उनकी संपत्ति की मिल्कियत का कानूनी आधार बनेगी। जिससे भूमि विवाद खत्म होंगे। स्वामित्व का अधिकार मिलने से ऋण व अन्य वित्तीय लाभ ग्रामीण आबादी क्षेत्र में मिल सकेंगे। इस दौरान 50 परिवारों को घरौनी का वितरण किया गया। इस मौके पर तहसीलदार एसके मिश्रा, लेखपाल वैभव त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।