Thailand vs Cambodia-कंबोडिया के दूत Chhea Keo ने थाईलैंड के साथ “बिना शर्त तत्काल संघर्षविराम” की मांग की

( BNE )

Thailand vs Cambodia: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच छिड़ी जंग में कम्बोडिया ने बिना शर्त तत्काल संघर्षविराम” की मांग की है.यूएन में कंबोडिया के दूत Chhea Keo ने शुक्रवार को थाईलैंड के साथ “बिना शर्त तत्काल संघर्षविराम” की मांग की है। इस मामले में थाईलैंड ने भी बातचीत की इच्छा जताई है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन हिंसक घटनाओं में कई लोग मारे जा चुके हैं। दोनों देशों के बीच कई दशकों से सीमा विवाद चल रहा है जोकि अब गंभीर सैन्य टकराव में बदल गया। गुरुवार को दोनों देशों के बीच लड़ाकू विमानों, तोपों, टैंकों और जमीनी फोर्सेज के जरिए लड़ाई हुई। इसके बाद शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक बुलाई गई। बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कंबोडिया के एंबेसडर Chhea Keo ने कहा कि कंबोडिया ने बिना शर्त तत्काल संघर्षविराम की मांग की है और विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की भी अपील की

Thailand vs Cambodia: अभी क्या है स्थिति?

कंबोडिया की तरफ से शुक्रवार को तोपों की भीषण आवाजें सुनाई दीं। Oddar Meanchey राज्य में एक 70 वर्षीय शख्स की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। वहीं थाईलैंड की तरफ बात करें तो वहां के हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि सीमाई इलाकों से 1.38 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। वहीं थाईलैंड में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 14 नागरिक और 1 सैनिक हैं। वहीं कंबोडिया की प्रवक्ता Maly Socheata का कहना है कि कंबोडिया में 35 हजार लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए। कंबोडियाई की डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक थाईलैंड से लड़ाई में अब तक उसके यहां 13 की मौत हुई है जिनमें 5 सैनिक और 8 नागरिक हैं।
मलेशिया के जरिए विवाद सुलझाने की कोशिश

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच 800 किमी लंबी सीमा है और इस बॉर्डर के कुछ इलाकों पर दोनों पक्ष अपना-अपना दावा करते हैं। इसके चलते दोनों कई बार भिड़ भी चुके हैं। वर्ष 2008 से वर्ष 2011 के बीच हिंसात्मक भिडंत में कम से कम 28 लोग मारे गए थे और हज़ारों को घर छोड़ना पड़ा था। वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र की अदालत के फैसले ने एक दशक तक शांति बनाए रखने में मदद की। हालांकि मई 2025 में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद दोनों देशों के बीच का विवाद फिर से भड़क उठा।

अभी दोनों देशों के बीच जो भिड़ंत है, वह इसी की एक कड़ी है। थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयाचाई ने चेतावनी दी थी कि अगर यह टकराव और बढ़ा, तो यह युद्ध का रूप ले सकता है लेकिन उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल यह सिर्फ सीमित लड़ाई है। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नडेज बालांकुरा (Nikorndej Balankura) का कहना है कि द्विपक्षीय या मलेशिया के जरिए उनका देश कंबोडिया से बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि प्रवक्ता का यह भी कहना है कि अब तक इस पर थाईलैंड की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। मलेशिया फिलहाल दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें थाईलैंड और कंबोडिया दोनों शामिल हैं।

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