हवन पूजन के साथ मनाया गया भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिवस

आयोजक बोले,सनातन परम्परा के अनुसार होगी पूजा अर्चना

रिपोर्ट राहुल उपाध्याय

Bahraich news today। बहराइच शहर के कठौवां दोनक्का स्थित विश्वकर्मा मंदिर पर भगवान विश्वकर्मा के वंशजों ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य हवन पूजन कर भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव श्रद्धा भक्ति भाव में डूबते हुए मनाया। अध्यक्षता मंदिर के संरक्षक एडवोकेट धर्मराज विश्वकर्मा ने किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय एमएलसी पदम सेन चौधरी व विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर गणेश प्रसाद विश्वकर्मा डिलीट प्रचार बुधनी देवी स्मारक महाविद्यालय में भगवान विश्वकर्मा के विग्रह पर अंग वस्त्र का पुष्प पाचन कर भगवान श्री विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त किया ठीक है। इस मौके पर अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के जिलाध्यक्ष डॉक्टर त्रिलोकी विश्वकर्मा ने कहा कि
हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को मशीन, औजार, भवन संरचना और अन्य तकनीकी आधारित वस्तुओं का देवता माना गया है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर साल 17 सितंबर को की जाती है। उन्हें ‘ब्रह्माण्ड का वास्तुकार’ और संसार के पहले इंजीनियर के नाम से प्रसिद्धि भी मिली। इस अवसर पर सृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव सनातन परंपरा के अनुसार वैदिक रीति से पूजन अर्चन हवन एवं प्रसाद भंडारे के साथ आयोजित हुआ।उन्होंने बताया कि पूरे जनपद में विश्वकर्मा भगवान का यह एकमात्र मंदिर है जिसमें भगवान विश्वकर्मा के पांच पुत्रों मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी और देवज्ञ
के वंशजों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है क्योंकि यह स्थान ब्रह्मा जी की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है एवं गंधर्व वन के रूप में वेदों में इसका वर्णन मिलता है ।


कार्यक्रम का संचालन करते हुए विपिन विश्वकर्मा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ने सनातन धर्मियों को समरसता का जो संदेश देने का कार्य किया है उससे समाज के सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। कहा कि मनुष्य का मनुष्य के प्रति हीन भावना का दृष्टिकोण त्यागना चाहिए यही सनातन धर्म हमें सिखाता है। उन्होंने बताया कि भोर में सर्वप्रथम प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी का षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह मंडल पूजन उपरांत विश्वकर्मा भगवान का दुग्ध,मधु,जल से अभिषेक किया गया। उसके पश्चात फल फूल नैवेद्य एवं विभिन्न प्रकार के भोग भगवान विश्वकर्मा को अर्पित किए गए,तत्पश्चात भगवान विश्वकर्मा के भक्तों एवं विश्वकर्मा वंशीय ब्राह्मणों के द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों वह विशाल भंडारे का भी आयोजन मंदिर परिसर में किया गया।
इस अवसर पर रामकुमार शर्मा ,पी के विश्वकर्मा, प्रहलाद विश्वकर्मा,रामसमुझ ,केसरी प्रसाद ,दयानंद शर्मा, नोखे लाल विश्वकर्मा, दिनेश विश्वकर्मा,संत राम विश्वकर्मा सैकड़ो की संख्या में महिला व पुरुष विश्वकर्मा मौजूद रहे।

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