यूपी की जेलों में निरुद्ध बंदियों की दशा और दिशा बदलने को लेकर कारागार प्रशासन कर रहा हर सम्भव प्रयास,,ये शानदार योजना हुई शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में निरुद्ध बंदियों की दशा और दिशा को सुधारने के लिए कारागार प्रशासन हर सम्भव प्रयास कर रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की बंदी सुधारात्मक योजनाओं यथा – शिक्षा ,प्रशिक्षण ,स्किल डेवलपमेंट , रिहाई और पुनर्वासन की प्रक्रिया को आसान , पारदर्शी और तीव्र गति से लागू करने और प्रदेश की कारागारों में निरुद्ध बंदियों को सुधार कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में वापस करने के उद्देश्य से जेलों में निरुद्ध बंदियों के आधार कार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ हो गया है।


यह कार्य भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UDAI) द्वारा प्रदेश की हर जेल में चल कराया जा रहा है जिसके अंतर्गत ऐसे बंदी जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनका नया आधार कार्ड बनाया जा रहा है । जिन बंदियों के पास आधार कार्ड है किंतु इनमें कोई संशोधन आवश्यक है तो ऐसे बंदियों का आधार कार्ड संशोधित भी किया जा रहा है । इस हेतु आवश्यक अभिलेख के रूप में जेल अधीक्षक द्वारा जारी संबंधित बंदियों का “ प्रिजनर इंडक्शन डॉक्यूमेंट “ यूडाई द्वारा स्वीकार किया जा रहा है।


यह एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है इसके सफल होने पर न सिर्फ़ जेलों का प्रशासन और अधिक पारदर्शी होगा बल्कि बंदी शिक्षा और सुधार के कार्य भी तेज होंगे .

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