जालौन रामलीला में हुआ इस अदभुत लीला का मंचन,,,

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन नगर में चल रही श्रीरामलीला महोत्सव 2024 में रावण वध की लीला का मंचन किया गया। कुंभकर्ण, मेघनाथ एवं अहिरावण के वध के बाद रावण के वंश के लगभग सभी योद्धा समाप्त हो चुके थे, जिससे रावण ने स्वयं युद्ध में जाने की घोषणा की, लेकिन राजदरबार के लोगों ने बताया कि वर्षों पहले रावण का एक पुत्र मूल नक्षत्र में हुआ था, उसे नदी में बहा दिया गया था। जिसे सभी नारांतक के नाम से जानते हैं।
रावण ने जब नारांतक को संदेश भिजवाया तो नारांतक पूरी सेना लेकर लंका पहुंचा और अपने पिता रावण से कहा कि हे पिताश्री आपने भले ही मूल में पैदा होने से मुझे त्याग दिया था, लेकिन वंश की रक्षा के लिए वह राम-लक्ष्मण से युद्ध करेगा। भले ही उसे अपने प्राण क्यों न न्योछावर करना पड़े। इसके बाद नारांतक युद्ध में पहुंचा तथा राम-लक्ष्मण से घमासान युद्ध किया, लेकिन वरदान प्राप्त होने से राम-लक्ष्मण नारांतक का वध नहीं कर सके।तब श्रीराम की सेना में शामिल दधिबल ने नारांतक का वध किया। नारांतक के वध की खबर मिलते ही मानो रावण पर वज्राघात हुआ और क्रोध से तमतमाए रावण ने पूरी सेना के साथ राम लक्ष्मण के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। रण क्षेत्र में श्रीराम एवं रावण का घमासान युद्ध हुआ तथा रावण द्वारा शिवभक्ति एवं घोर तपस्या से प्राप्त एक से बढ़कर एक मारक शस्त्रों का प्रयोग किया। जब श्रीराम एवं लक्ष्मण के तमाम प्रयासों के बावजूद रावण का वध नहीं हो सका तो श्रीराम निराश हो गए। ऐसे कठिन समय में रावण के भ्राता विभीषण ने श्रीराम को गोपनीय जानकारी दी कि रावण की नाभि में अमृत होने से वह मारा नहीं जा सकता। यदि बाण से नाभि पर प्रहार किया जाएगा तभी रावण का वध होगा। यह सुनकर श्रीराम ने रावण की नाभि पर बाण से प्रहार किया, जिससे रावण का वध हुआ।लीला में श्रीराम संतोष दुबे, लक्ष्मण गणेश दुबे, हनुमान जी संतोष गुसाई, विभीषण उमेश दुबे, रावण प्रह्लाद, अहिरावण रमेश दुवे, मकरध्वज श्याम जादौन, अंगद प्रिंस चतुर्वेदी, जामवंत विजय पोल ने कुशल अभिनव किया। नृत्यकार तितली रानी ने नृत्य के माध्यम से मनोरंजन किया तो बबलू दीवाना ने हास्य के माध्यम से लोगों को हंसाया।

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